साल 2022 के नौवे महीने सितंबर का दूसरा सप्ताह (5 से 11 सितंबर 2022) तक रहेगा। धार्मिक दृष्टिकोण से ये सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहेगा। इन 7 दिनों में कई प्रमुख त्योहार मनाए जाएंगे, वहीं ग्रह-नक्षत्रों की चाल भी बदलेगी।
अंक शास्त्र में किसी व्यक्ति का शुभ अंक उस व्यक्ति के जन्मतिथि के अनुसार लगाया जाता है, जिसे मूलांक कहते हैं। मूलांक जन्मतिथि के अंकों के योग को कहा जाता है। जैसे यदि किसी व्यक्ति का जन्म 25 अप्रैल को हुआ तो दोनों अंकों का योग 2+5=7 आता है इसे ही मूलांक कहा जाता है।
आज (6 सितंबर, मंगलवार) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस दिन परिवर्तिनी एकादशी का व्रत किया जाएगा। मंगलवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से मित्र और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग इस दिन रहेंगे।
अंक ज्योतिष से किसी का भी भाग्यांक पता किया जा सकता है। जैसे अगर किसी व्यक्ति का जन्म 5.8.1992 को हुआ है तो उसका भाग्यांक 5+8+1992 होगा. यानी 5+8+6=19=6 होगा. यानी उस व्यक्ति के लिए लकी नंबर 6 होगा।
आज (7 सितंबर, बुधवार) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस दिन वामन द्वादशी का व्रत किया जाएगा। बुधवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मुद्गर और उसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से छत्र नाम के शुभ योग इस दिन बनेंगे।
अंक ज्योतिष में जन्मतिथि के अंकों की गणना से एक ऐसा अंक निकालते है जिसे भाग्यांक कहा जाता है। इस भाग्यांक से भविष्य में आने वाली अच्छी व बुरी परिस्थितियों के बारे में आसानी से जाना जा सकता है।
आज (8 सितंबर, गुरुवार) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस दिन गुरु प्रदोष और ओणम का पर्व मनाया जाएगा। गुरुवार को पहले श्रवण नक्षत्र होने से ध्वज और धनिष्ठा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग बनेंगे।
अंक शास्त्र भी वैदिक ज्योतिष से थोड़ा मिलता –जुलता है क्योंकि अंक शास्त्र में हर अंक को एक विशेष ग्रह से जोड़ा गया है। उसी के आधार पर व्यक्ति के संभावित भविष्य में बारे में प्रीडिक्शन यानी भविष्यवाणी की जाती है।
आज (9 सितंबर, शुक्रवार) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि रहेगी। इस दिन अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। शुक्रवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रजापति और सौम्य नाम के 2 शुभ योग बनेंगे।
अंक ज्योतिष के अनुसार, भाग्यांक की गणना मूलांक की गणना से थोड़ी विस्तृत होती है। इसमें व्यक्ति की जन्म तारीख, महीना और साल तीनों को जोड़कर जो संख्या प्राप्त होती है वह व्यक्ति का भाग्य अंक कहलाता है।