आज (16 अक्टूबर रविवार) कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। 16 अक्टूबर 2022, रविवार को आर्द्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा परिघ और शिव नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
2 सितंबर, शुक्रवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी सप्तमी तिथि का योग बन रहा है। इस दिन विशाखा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा इंद्र और वैधृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
अंकशास्त्र, सामान्य तौर पर किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख के कुल योग का अध्ययन करता है। इसी के आधार पर उसके भविष्य के बारे में आंकलन किया जाता है। जन्म तारीख से ही मूलांक, जन्मांक और भाग्यांक के बारे में पता किया जा सकता है।
3 सितंबर, शनिवार को भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी और अष्टमी तिथि का योग बन रहा है। इस दिन संतान सप्तमी का पर्व मनाया जाएगा। शनिवार को अनुराधा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा।
आज (17 जुलाई, रविवार) श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि है। रविवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। साथ ही इस दिन सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे।
4 september 2022 Rashifal: आज (4 सितंबर, रविवार) भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी और नवमी तिथि का संयोग बन रहा है। इस दिन राधा जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। रविवार को सूर्योदय ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा।
अंक ज्योतिष वास्तव में अंकों और ज्योतिषीय गणनाओं का मेल है यानी अंकों का ज्योतिषीय तथ्यों के साथ मेल करके व्यक्ति के भविष्य की जानकारी देना ही अंक ज्योतिष कहलाता है। अंक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का मिलान ग्रहों, राशियों और नक्षत्रों के आधार पर किया जाता है।
आज (6 जून) ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। सोमवार को सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। सोमवार को मघा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।
आज (20 जून, सोमवार) आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.40 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को जोड़कर निकाला गया अंक मूलांक कहलाता है, वहीं जन्म तिथि की तिथि, माह और वर्ष की संख्याओं को जोड़कर निकाली गई एक अंक की संख्या को भाग्यांक कहा जाता है। इसी के आधार पर अंक ज्योतिष में गणनाएं की जाती है।