अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव की विरासत को बचाने के लिए अपनी सालों पुरानी कसम तोड़ दी है। उन्होंने 2017 में कहा था कि अगर बीजेपी परिवारवाद का आरोप लगाती है तो मेरी पत्नी अगला चुनाव नहीं लड़ेंगी। हालांकि पार्टी की ओऱ से डिंपल को ही प्रत्याशी बनाया गया।