सेना-नौसेना को हथियारों का बूस्टर डोज, जानें कौन-कौन से घातक वेपंस मिलेंगे
नई दिल्ली। रक्षा मंत्रालय ने 30 दिसंबर को सेना के साथ ही नेवी की ताकत बढ़ाने के लिए दो घरेलू कंपनियों के साथ बड़ी डिफेंस डील की। इसके तहत स्कॉर्पीन या कलवरी-क्लास पनडुब्बियों के लिए 48 हेवीवेट टॉरपीडो खरीदने के लिए 4666 करोड़ रुपये का समझौता भी हुआ।

रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह की मौजूदगी में CQB कार्बाइन और एक्सेसरीज के लिए 2770 करोड़ रुपये की डील भारत फोर्ज लिमिटेड और PLR सिस्टम्स के साथ साइन की गई।
इसके अलावा इटली की WASS Submarine Systems के साथ 48 हेवी वेट टॉरपीडो का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया गया, जिसकी कीमत लगभग 1896 करोड़ रुपये है। इस खरीद से क्लोज-क्वार्टर मारक क्षमता बढ़ने के साथ ही पानी के अंदर युद्ध क्षमता में भी इजाफा होगा।
नई CQB कार्बाइन पुराने हथियारों को रिप्लेस करेंगी, जिससे सैनिकों को मॉर्डर्न हथियार मिलेंगे। CQB कार्बाइन अपने कॉम्पैक्ट डिजाइन और हाई रेट ऑफ फायर के लिए जानी जाती है, जिससे सीमित जगहों पर तेजी से निर्णायक मारक क्षमता सुनिश्चित होती है।
बता दें कि भारतीय नौसेना (NAVY) को 48 हेवी वेट टॉरपीडो की आपूर्ति 2028 से 2030 के बीच की जाएगी। इस डील से समंदर में नौसेना की ताकत और ज्यादा बढ़ेगी।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह डिफेंस डील भारतीय सैनिकों को वर्ल्ड-क्लास मारक क्षमता से लैस करने की दिशा में उठाया गया एक असाधारण कदम है। इसमें 'आत्मनिर्भर भारत' विजन के तहत पुराने सिस्टम को अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक से रिप्लेस किया जा रहा है। इस डिफेंस डील से 'मेक इन इंडिया' को मजबूती मिलने के साथ ही देश में लोगों को रोजगार के नए मौके मिलेंगे।

