भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान इंकलाब जिंदाबाद एक ऐसा नारा बन गया था, जो हर क्रांतिकारी का मूलमंत्र था। जब भी अंग्रेजों के विरोध में आवाजें उठतीं तो इंकलाब जिंदाबाद का ही नारा लगाया जाता था। न जाने कितने क्रांतिकारी तो यह नारा लगाकर फांसी के फंदे पर झूल गए।