अयोध्या बाबरी विध्वंस केस इतिहास बन चुका है। स्थानीय निवासियों ने दशकों तक राम मंदिर आंदोलन का साइड इफेक्ट झेला। अब 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले एशियानेट न्यूज टीम अयोध्या पहुंची। स्थानीय दुकानदार कहते हैं कि आने वाले दिनों में देश—दुनिया से भारी संख्या में पर्यटक अयोध्या आएंगे तो रामनगरी को उसका फायदा मिलेगा। आइए विस्तार से जानते हैं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद आने वाले दिनों में अयोध्या में श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होगा। दक्षिण भारत के राज्यों के लोगों की सुविधा को देखते हुए जिला प्रशासन ने सड़कों पर तमिल, तेलुगू भाषा में भी संकेतक लगाने का निर्णय लिया है।
पवित्र रामनगरी में ज्यादा से ज्यादा लोग जमीनें खरीदना चाहते हैं। जमीनों के ज्यादातर खरीददार बस्ती, गोंडा, प्रतापगढ़, बहराइच आदि जिलों से आए।
रामलला के नये मंदिर में विराजमान होने के बाद देश भर से श्रद्धालु अयोध्या आना चाहते हैं। रेलवे प्रमुख शहरों से श्रद्धालुओं के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की तैयारी में है। आइए डिटेल में जानते हैं।
अयोध्या। लंका विजय के बाद भगवान राम के लौटने की खुशी में जिस तरह अयोध्या को सजाया गया था। 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए रामनगरी को उसी तर्ज पर संवारा जा रहा है।
अयोध्या में राम मंदिर बनने से दशकों पहले उसका मॉडल तैयार हो गया था। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर मॉडल कारसेवकपुरम में स्थापित है। आइए जानते हैं इसके तैयार होने की कहानी।
अयोध्या श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को है। पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश-विदेश की हस्तियां मौजूद रहेंगी। लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं के भी आने की संभावना है। आईजी प्रवीण कुमार कहते हैं कि उस दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी।
अयोध्या श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद भी 48 दिन तक मंडल पूजा होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने समारोह की व्यवस्थाओं के बारे में सिलसिलेवार जानकारी दी।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले तमिलनाडु और पुड्डुचेरी के 1200 से ज्यादा लोगों को अयोध्या की यात्रा कराई जाएगी। आईआरसीसीटी और पर्यटन विभाग अयोध्या में उनका स्वागत करेगा।