38 वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ के कमांडेंट IPS अनीस अहमद अंसारी ने hindi.asianetnews.com से बात की। इस दौरान उन्होंने अपने संघर्षों व सफलता की कहानी बताई
प्रियम के पिता ने तमाम समस्याओं और गरीबी झेलते हुए बेटे को बड़ा क्रिकेटर बनाने का सपना देखा था जो अब साकार हो गया है
यूपी के फतेहपुर जिले के सुजानपुर गांव में जन्मे महेंद्र बहादुर सिंह 2010 बैच के IAS अफसर हैं। इसके पूर्व वह बांदा, व रामपुर में डीएम का पद संभाल चुके हैं
यूपी के छोटे से जिले भदोही के रहने वाले यशस्वी जायसवाल ने 2020 में दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर-19 विश्वकप के लिए इंडियन टीम में जगह बनाई है
कभी परिवार का खर्च चलाने के लिए बचपन से ही खेतों से घास काटकर सड़क पर बेंचने वाला शख्स आज दर्जनों बेसहारों के लिए सहारा बन गया है। यूपी के अयोध्या के रहने वाले राजन पांडेय एक दर्जन अनाथ बच्चों की पढ़ाई व अन्य खर्च उठा रहे हैं
यूपी पुलिस की छवि जगजाहिर है, लेकिन इसी विभाग में कुछ ऐसे भी हैं जो समाज के लिए कुछ कर गुजरने को हमेशा तैयार रहते हैं। लखनऊ में तैनात एक दारोगा मानवता की ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रहे हैं। ये रोजाना रात फुटपाथ पर ठंड से ठिठुर रहे लोगों की मदद करते हैं। किसी को रेन बसेरों में पहुंचाते तो किसी को कंबल बांटते नजर आ जाते हैं। hindi.asianetnews.com ने दारोगा अनीस सिंह से बात की और इनके इस काम के बारे में जानने की कोशिश की।
लखनऊ से शुरू हुई देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस से नौकरी से निकाले गए 20 कर्मचारियों का मामला चर्चा में आने के साथ गरमाता जा रहा है। नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों ने अब सेवा प्रदाता कम्पनी वृन्दावन फूड कम्पनी व IRCTC पर बिना नोटिस दिए नौकरी से निकालने का आरोप लगाया है
अयोध्या में राम मंदिर के लिए विहिप द्वारा सालों से चल रहे पत्थर तराशने का काम पिछले 4 महीने से फिलहाल बंद है। करीब 45 फीसदी काम पूरा हो चुका है। यह काम विहिप की कार्यशाला में चल रहा था, जहां पत्थर तराश कर रखे गए हैं। hindi.asianetnews.com ने विहिप के प्रांतीय प्रवक्ता शरद शर्मा से बात की।
इस कुएं के जल से शिव मंदिर में आने वाले भक्त ना सिर्फ अपनी प्यास बुझाते थे बल्कि भगवान शिव का जलाभिषेक भी करते थे। वहीं मस्जिद में नमाज पढ़ने आने वाले लोग भी इसी के पानी से वूजू करते थे।
मल्लिका-ए-गजल को भले ही पदम् भूषण जैसे पुरस्कार दिए गए हों, लेकिन उनका पैतृक गांव ही उपेक्षा का शिकार है। यहां उनकी याद में एक स्मारक तक नहीं लगवाया गया है, जबकि उनके जीवन से जुड़ी कई स्थान हैं, जिसे विकसित कर उनकी याद काे बनाए रखा जा सकता है।