सार
2022-23 बजट ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक सेक्टर के लिए लैंडमार्क बजट साबित हुआ था। तब सरकार ने नेशनल हाइवे नेटवर्क को 25,000KM तक बढ़ाने का लक्ष्य बनाया था। इसके लिए 20,000 करोड़ रुपए आवंटित किया गया था। इस बार भी ऐसी ही उम्मीद है।
ऑटो डेस्क : इस बार जब फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट (Budget 2023) पेश करेंगी तब ईवी सेक्टर (EV sector) की निगाहें उन्हीं पर रहेंगी। हर किसी को उम्मीद है कि इस बार के बजट का भारतीय ऑटो सेक्टर पर अच्छा असर होगा। बता दें कि गाड़ियों की रिकॉर्डतोड़ बिक्री के साथ ही ऑटो सेक्टर में शानदार तरीके से रिकवरी हो रही है। ऐसे में उम्मीद है कि बजट में सरकार इस सेक्टर को खुशखबरी दे सकती है। सरकार के कदम से रिटेल बिक्री को आगे ले जाने में मदद मिलेगी।
सीधे कस्टमर्स के अकाउंट में जाए फेम पॉलिसी सब्सिडी
इन दिनों भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicles) की डिमांड बढ़ रही है। कुछ चुनौतियों के बावजूद पिछले साल 2022 में देश में हर महीने औसतन 83,585 इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ। सोसाइटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) के डायरेक्टर जनरल और हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर सिंह गिल ने सरकार से मांग करते हुए कहा है कि फेम पॉलिसी सब्सिडी सीधे कस्टमर्स को दी जाए।
प्रदूषण फैलाने वालों से हो टैक्स वसूली
सोहिंदर सिंह गिल ने कहा कि टाइम बेस्ड पॉलिसी की बजाय एक ऐसी पॉलिसी हो, जिससे ईवी को तब तक सपोर्ट करे, जब तक करीब 20 प्रतिशत के लेवल तक न पहुंच जाए। इसके बाद सब्सिडी कम की जा सकती है। उन्होंने ये भी कहा कि सब्सिडी सरकारी खजाने की बजाय प्रदूषण फैलाने वालों से टैक्स वसूली करनी चाहिए।
सरकार से सब्सिडी जारी रखने की मांग
वहीं, टाटा मोटर्स के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश वाघ ने मीडिया को बताया कि FAME II जैसी स्कीम्स के तहत इलेक्ट्रिक और जीरो एमीशन वाले वेहिकल्स को बढ़ावा देने सरकार को सब्सिडी रखने की जरूरत है। सरकारी मदद तब तक जारी रहनी चाहिए, जब तक ऑटोमोबाइल लोकलाइजेशन के बेहतर लेवल के साथ पर्टिकुलर लाइन के आगे न पहुंच जाए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के भारत में ही बनने और एक तय सीमा को पार करने तक सरकारी सब्सिडी जारी रखनी चाहिए।
बजट ऐसा हो ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हो सके
सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के प्रेसिडेंट और वोल्वो आयशर कमर्शियल व्हीकल्स (VECV) के एमडी विनोद अग्रवाल ने बजट से उम्मीद जताते हुए कहा कि सरकार को बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपेमेंट पर फोकस करना चाहिए। डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स, इंफ्रास्ट्रक्चर और इस तरह के दूसरे प्रोजेक्ट्स पर सरकार को ज्यादा से ज्यादा खर्च करना चाहिए। बजट में आगे बढ़ने की अप्रोच और घाटे को मैनेज करने वाली पॉलिसी रखनी चाहिए।
गांव-देहात तक पहुंचने कैपिटल एक्सपेडिचर की जरूरत
विनोद अग्रवाल ने बताया कि ऑटो सेक्टर में ऐसी इकोनॉमी विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे गांव-देहात के कस्टमर्स तक पहुंच सके। इसके लिए कैपिटल एक्सपेडिचर की जरूरत है। सरकार रूरल कंज्यूमर्स की परेशानी को दूर करना जानती है। ऐसे में इस तरफ भी फोकस होना चाहिए।
GST कम होने की उम्मीद
इस बार बजट से जीएसटी कम करने की उम्मीद भी है। कहा जा रहा है कि सरकार को ऑटो इंडस्ट्री की जमीनी हकीकत को समझकर जीएसटी को नए सिरे से तय करने की जरूरत है। टैक्स को निचले ब्रैकेट में लाना चाहिए।
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