सार

अगर आपकी पुरानी गाड़ी में खराबी आए तो समझ जाना चाहिए की इसे बदल लेना चाहिए। अगर आप इसे नहीं बदल रहे है, तो आपको काफी समस्या का सामना करना पड़ सकता हैं। जानिए खराब होती गाड़ी के लक्षण।

ऑटो डेस्क. भारत में व्हीकल्स में वन टाइम इन्वेस्टमेंट की पॉलिसी अपनाते है। मसलन अगर कोई शख्स गाड़ी खरीदता है, तो वह इसका इस्तेमाल तब तक करता है जब तक सारे पुर्जे खराब न हो जाए। लेकिन खराब गाड़ी का इस्तेमाल करने से आपको अनचाही समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ऐसी कोई परेशानी आने लगे तो इसे नजरअंदाज न करें। इस स्थिति में गाड़ी बदलने में ही समझदारी है।

आइए जानते है गाड़ी के खराब होने के लक्षण...

इंजन में दिक्कत आना

अगर आपकी गाड़ी का इंजन में किसी तरह की परेशानी आए तो उसे एक बार ठीक करवाना जरूरी है। लेकिन बार-बार यह समस्या आए तो समझ जाना चाहिए कि गाड़ी बदलने का वक्त आ गया है। इस समस्या में इंजन ठीक करवाने में ज्यादा खर्चा हो जाता है। ऐसे में आपकी जेब पर ज्यादा जरूरत असर हो सकता है।

एसी में गड़बड़ी

गाड़ी के इंजन से ही एसी यूनिट भी जुड़ी होती है। कई बार कार के एसी की कूलिंग काफी कम हो जाता है। इसके बाद उसे ठीक करवाने में काफी मुश्किल हो सकती है। अगर आपकी गाड़ी ज्यादा पुरानी है और उसके एसी में ज्यादा दिक्कत आ रही हो  तो उसकी मरम्मत में बार-बार खर्चा हो सकता है। ऐसे में समय पर पुरानी कार को छोड़ नई खरीदने का फैसला लें। ऐसे में आपके पैसे और समय दोनों की बचत होगी।

माइलेज में कमी

जब गाड़ी पुरानी हो जाती है तो उसमें फ्यूल की खपत बढ़ जाती है। यानी की माइलेज में कमी आ जाती है। इसकी सर्विसिंग में भी बार-बार ज्यादा खर्चा आ जाता है। ऐसे में कार को नई कार में बदल लेने में भलाई है।

इंटीरियर में खराबी

जैसे-जैसे कार में खराबी आती है, तो इसके इंटीरियर में भी खराबी आने लगती है। गाड़ी के अंदर गियर लीवर, डैशबोर्ड, सीटें और दूसरे पुर्जे खराब होने लगे तो समझ जाना चाहिए की गाड़ी बदलने का वक्त आ गया हैं। कई कारों के इंटीरियर ठीक करवाने में बहुत खर्चा होता है। ऐसे में नई कार खरीदने का फैसला बेहतर होता है।

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