सार

सरकार ने नई इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए नई पॉलिसी जारी की है। इस पर वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत सरकार किसी के दबाव में आए अपनी स्वतंत्र पॉलिसी बनाएगा। हम किसी एक कंपनी के लिए पॉलिसी नहीं बनाएंगे।

ऑटो डेस्क. भारत सरकार ने 15 मार्च को इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी जारी की है। इस पॉलिसी में फॉरेन इन्वेस्टमेंट को भारत में लाने पर फोकस किया जा रहा है। साथ ही भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी प्रोडक्शन में नए आयाम स्थापित करने की कोशिश की जाएगी। इस पॉलिसी के तहत विदेशी कंपनियों से कम से कम 4,150 करोड़ रुपए निवेश लाने का लक्ष्य  रखा गया है। इस पॉलिसी पर टेस्ला सहित दुनियाभर की इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली दिग्गज कंपनियों की नजर थी।

इस पॉलिसी में इंपोर्ट टैक्स में छूट

भारत सरकार की नई ईवी पॉलिसी के तहत इलेक्ट्रिक व्हीकल स्कीम लाई गई है। इसमें टैक्स छूट देने की भी बात की है। इस पॉलिसी के तहत अगर कोई कंपनी 50 करोड़ डॉलर से ज्यादा इन्वेस्टमेंट और 3 साल के अंदर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भारत में निवेश करती है तो उसे इंपोर्ट टैक्स में सरकार राहत देगी।

दिग्गज कंपनियां आएंगी भारत

ईवी पॉलिसी ने जारी करते हुए सरकार ने कहा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को सेगमेंट में ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को भारत लाने की कोशिश की जाएगी। इस पॉलिसी से ईवी इकोसिस्टम को मजबूत करने की कोशिश की जाएगी।

 

 

50% स्वदेशी पार्ट्स इस्तेमाल करना होगा

नई ईवी पॉलिसी के मुताबिक, भारत में निवेश करने वाली कंपनियों को 3 साल के अंदर 25% और 5 साल में 50% भारत में पार्ट्स इस्तेमाल करने होंगे। इसके अलावा इस ईवी पॉलिसी में यह भी कहा गया है कि अगर कोई कंपनी भारत में अपना प्लांट लगाती है तो 35 हजार डॉलर से ज्यादा कीमत वाली कारों की भारत में असेंबलिंग पर 15% कस्टम ड्यूटी चुकानी पड़ेगी।

स्वदेशी कंपनियों को झटका

इस नई पॉलिसी के आने से कई दिग्गज स्वदेशी कंपनियों को झटका लग सकता है। ऐसे में विदेशी ईवी व्हीकल्स के इंपोर्ट करने पर टैक्स में छूट से स्वदेशी कंपनियों नुकसान हो सकता हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि भारत सरकार किसी के दबाव में आए अपनी स्वतंत्र पॉलिसी बनाएगा। हम किसी एक कंपनी के लिए पॉलिसी नहीं बनाएंगे।

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