सार
ऑटोमोबाइल डीलर्स के संगठन FADA ने केंद्र सरकार से टूव्हीलर सेगमेंट में GST (जीएसटी) दरों को कम करके 18 प्रतिशत करने का अनुरोध किया है। संगठन ने इशके पीछे दलील दी है कि दोपहिया वाहन को विलसिता की वस्तु नहीं है, ये आम घरों में उपयोग होने वाला वाहन है।
ऑटो डेस्क,GST rate on two wheelers to be reduced to 18 percent : ऑटोमोबाइल डीलर्स संगठन FADA ने केंद्र सरकार से दोपहिया वाहन सेगमेंट में डिमांड बढ़ाने के लिए टू-व्हीलर्स पर GST (जीएसटी) दरों को कम किए जाने की मांग की है। संगठन ने कहा कि ये टूव्हीलर पर सरकार को जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत किया जाना चाहिए। फाडा ने कहा कि टूव्हीलर व्हीकल एक लग्जरी आइटम नहीं हैं और इसलिए GST दरों में कमी की जरूरत है।
जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत करने की मांग
Federation of Automobile Dealers Association (FADA) 26,500 डीलरशिप वाले 15,000 से ज्यादा ऑटोमोबाइल डीलरों का प्रतिनिधित्व करता है। फाडा ने कहा, "फाडा वित्त मंत्रालय से दोपहिया वाहनों पर जीएसटी दरों को 18 प्रतिशत तक कम करने और हमारे देश को वैश्विक नेतृत्व में ले जाने के लिए अनुरोध करता है।" बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2022 को आम बजट 2022-23 संसद में पेश करेंगी, इससे पहले विभिन्न संगठनों ने सरकार पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है।
विलासिता की वस्तु नहीं टूव्हीलर
फाडा ने सरकार के समक्ष दलील देते हुए कहा कि टूव्हीलर वाहनों के इस्तेमाल को विलासिता की वस्तु नहीं माना जा सकता, इस व्हीकल का इस्तेमाल ग्रामीण दूर-दूर तक यात्रा करने के लिए करते हैं। है। ग्रामीण इलाकों में लोग अपनी रोजाना की जरूरतों के लिए टू-व्हीलर्स का इस्तेमाल करते हैं। FADA ने कहा, "इसलिए 28 प्रतिशत जीएसटी + 2 प्रतिशत सेस जो विलासिता / सिन प्रॉडक्टस के लिए है, का औचित्य दोपहिया सेगमेंट के लिए ठीक नहीं है।"
फाडा ने कहा है कि कोरोना महामारी के समय जब कच्चे माल की लागत और कई अन्य सुविधाएं महंगी हो रही हैं तो वाहन की कीमतें हर 3-4 महीने के बाद बढ़ रही हैं, जीएसटी दर में कमी कीमतों में बढ़ोतरी का मुकाबला करेगी और मांग को बढ़ाने में मदद करेगी।
यूज्ड व्हीकल्स पर 5 फीसदी जीएसटी लगाई जाए
"फाडा के मुताबिक डिमांड में वृद्धि होने से कई dependent areas पर इसके प्रभाव से टैक्स कलेक्शन में इजाफा होगा। मध्य से लंबी अवधि में यह वास्तव में राजस्व को बढ़ाएगा और समग्र उपभोक्ता भावना में सकारात्मकता लाने में भी मदद करेगा और जिससे समग्र अर्थव्यवस्था को फायदा पहुंचेगा।" वहीं संगठन ने सभी यूज्ड व्हीकल्स (सेकंड हैंड व्हीकल) के लिए मार्जिन पर 5 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर की मांग की है।
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