सार

इन दिनों मार्केट में अनगिनत कंपनियां कार इंश्योरेंस दे रही हैं। अलग-अलग पॉलिसी के बीच सही को चुन पाना भी काफी मुश्कि का काम है। इसलिए जब भी गाड़ी का बीमा खरीदने जाएं तो कुछ बातों को ध्यान में रखें। यह आपको बड़े नुकसान से बचा सकती है।

ऑटो डेस्क : क्या आपने कार का सही इंश्योरेंस चुना है? भारत में इन दिनों कई बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां वाहनों का बीमा कर रही हैं। मार्केट में अलग-अलग तरह की कार बीमा पॉलिसी (Car Insurance Policy) भी आ रही है। इन सबके बीच सही पॉलिसी चुन पाना काफी कठिन काम होता है। क्योंकि कंपनियां अलग-अलग सुविधाओं के साथ अलग-अलग प्लांस भी ला रही हैं। आइए जानते हैं कार के लिए सही बीमा पॉलिसी चुनने का तरीका..

जरूरतों को समझें

कार बीमा लेने की तैयारी कर रहे हैं तो सबसे पहले यह समझें की यह क्यों जरूरी है? इस तरह से आपको समझ आएगा कि आप कैसी पॉलिसी खरीदना चाहते हैं। सबसे पहले यह जान लें कि भारत में दो तरह की बीमा पॉलिसी होती है। पहली Third Party Insurance और दूसरी Comprehensive Insurance.

थर्ड पार्टी इंश्योरेंस क्या होता है

Third Party Insurance की बात करें तो यह कानून की तरफ से अनिवार्य है। यह तीसरे पक्ष को हुए नुकसान को ही कवर करता है। इस कवरेज के तहत आपको मुआवजा नहीं मिलेगा। अगर गाड़ी का एक्सीडेंट होता है तो यह बीमा दूसरे पक्ष की ओर से किए गए नुकसान को कवर करेगा। अगर आपके पास कोई लग्जरी कार है तो आपके लिए Comprehensive Insurance बेस्ट ऑप्शन है।

बीमा पॉलिसी की तुलना करना गलत नहीं

जब कभी भी आप गाड़ी के लिए बीमा खरीदने का प्लान करें तो कई कंपनियों की बीमा पॉलिसी की तुलना करें। इससे आप खुद के लिए बेस्ट पॉलिसी चुन सकते हैं। इसकी मदद से आप सही बीमा चुन पाएंगे।

क्लेम सेटलमेंट रेशियो चेक करना न भूलें

बीमा देने वाली कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो यानी CSR चेक करना न भूलें। बीमा पॉलिसी चुनने और खरीदने से पहले यह भी काफी मायने रखता है। सीएसआर आवेदनों की संख्या के खिलाफ बीमा कंपनी की तरफ से सफलतापूर्वक निपटाए गए दावों की संख्या को क्लेम करने में मदद करता है। बड़े सीएसआर वाली बीमा कंपनियों से पॉलिसी खरीदना अच्छा माना जाता है।

सही-सही जानकारी दें

कई बार कार का बीमा खरीदने के दौरान प्रीमियम राशि को कम करने के लिए उम्र और ड्राइविंग को लेकर गलत जानकारी भी दी जाती है। ऐसा करना बड़ी गलती हो सकती है। क्योंकि अगर इसकी जानकारी बीमा कंपनी को होती है तो वह आपका बीमा कैंसल कर सकता है। इसलिए गाड़ी का इंश्योरेंस कराते समय सही-सही जानकारी दें।

नियम की अनदेखी में भलाई नहीं

कार इंश्योरेंस खरीदते समय किसी भी डॉक्यूमेंट्स पर साइन करते समय एक बार उसे जरूर चेक कर लें। पूरी तरह पढ़ने के बाद ही साइन करें, वरना बाद में पछताना भी पड़ सकता है। नियमों को जानने के बाद ही साइन करें।

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