सार
CESL का उद्देश्य 5,450 सिंगल-डेकर और 130 डबल-डेकर इलेक्ट्रिक बसों को विभिन्न शहरों में तैनात करना है। कार्यक्रम के पहले चरण में बैंगलोर, दिल्ली, सूरत, हैदराबाद और कोलकाता जैसे शहरों को शामिल किया जाएगा। सीईएसएल की जुलाई 2022 तक इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप तैनात करने की योजना है।
ऑटो एंड बिजनेस डेस्क। Convergence Energy Services Limited (CESL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी Energy Efficiency Services Limited (EESL) ने गुरुवार को ऐलान किया है कि वह पूरे भारत के प्रमुख शहरों में कुल 5,580 इलेक्ट्रिक बसें चलाएगी। यह कदम सार्वजनिक परिवहन के लिए इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति के तहत उठाया गया है।
संस्था ने बताया ‘Grand Challenge’
संस्था ने इसे ‘Grand Challenge’ के रूप में उठाया गया स्टेप बताया है। CESL का उद्देश्य 5,450 सिंगल-डेकर और 130 डबल-डेकर इलेक्ट्रिक बसों को विभिन्न शहरों में तैनात करना है। कार्यक्रम के पहले चरण में बैंगलोर, दिल्ली, सूरत, हैदराबाद और कोलकाता जैसे शहरों को शामिल किया जाएगा। सीईएसएल की जुलाई 2022 तक इलेक्ट्रिक बसों की पहली खेप तैनात करने की योजना है।
शहरों को प्रदूषण मुक्त रखने की दिशा में बढ़ाया कदम
सीईएसएल ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि इस पहल के माध्यम से, वह राज्य सरकारों को अपने इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने के साथ-साथ देश में ई-मोबिलिटी के लिए एक बुनियादी ढांचे का निर्माण करने में अपना समर्थन बढ़ाने का इरादा रखता है। इसे 2050 तक नेट-जीरो कार्बन स्टेटस हासिल करने और 2047 तक एनर्जी इंडिपेंडेंस हासिल करने के करीब पहुंचने की पहल की सीरीज में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है।
देश के कई शहरों में किया जाएगा विस्तार
सीईएसएल ने यह भी कहा कि FAME-II scheme द्वारा सब्सिडी वाली, यह पहल शहरों के लिए परिचालन लागत को कम करने, राज्य परिवहन उपक्रमों (एसटीयू) द्वारा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की बाधाओं को दूर करने और सिटी बस बेड़े के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करेगी। एजेंसी ने कहा है कि इसके बाद के चरणों में, वह देश के अधिक शहरों में इस सेवा का विस्तार करेगी।
इस पहल के बारे में सीईएसएल के एमडी और सीईओ महुआ आचार्य (Mahua Acharya, MD and CEO of CESL) ने कहा कि यह ग्रैंड चैलेंज टेंडर एसटीयू, ओईएम, फाइनेंसरों, नीति आयोग, डीएचआई के प्रयासों का नतीचा है। "यह दुनिया में अब तक की सबसे बड़ी योजना है - और यह एक innovative, asset-light model पर आधारित है ।
वहीं इस संबंध में नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत (Amitabh Kant, CEO NITI Aayog) ने कहा कि विभिन्न शहरों में निविदा शर्तों का मानकीकरण भारत में सार्वजनिक परिवहन के परिवर्तन की दिशा में एक बड़ा कदम है।