सार
4.99 लाख रुपये की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार कॉमेट ईवी लॉन्च कर चीनी-ब्रिटिश वाहन ब्रांड एमजी मोटर ने हाल ही में भारतीय वाहन बाजार को हिला कर रख दिया है। राज्य के इलेक्ट्रिक कार बाजार में सबसे ज्यादा बिक्री हिस्सेदारी वाली टाटा मोटर्स को एमजी के इस कदम से भारी नुकसान हो सकता है, यह बात प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण से साफ है। लेकिन कंपनी इतनी कम कीमत पर इलेक्ट्रिक कार की पेशकश कैसे कर रही है? इसके पीछे कंपनी की क्या रणनीति है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
एमजी मोटर ने अपनी तीन इलेक्ट्रिक कारों - कॉमेट ईवी, विंडसर ईवी और जेडएस ईवी - को भारत में एक विशेष बैटरी सब्सक्रिप्शन प्रोग्राम के तहत लॉन्च किया है। इसलिए तीनों कारों को बेहद कम कीमत पर उतारा गया है। इन कारों में बैटरी की कीमत कंपनी ने शामिल नहीं की है। यही इसकी खासियत है. इसलिए कार की कीमत कम है। कार चलाने के लिए कंपनी उपभोक्ता से प्रति किलोमीटर एक शुल्क वसूलेगी। यह बैटरी सब्सक्रिप्शन शुल्क होगा।
दरअसल, इलेक्ट्रिक कारों में सबसे महंगा हिस्सा उसकी बैटरी होती है। कार की कुल कीमत का 55 से 60 फीसदी तक बैटरी की कीमत होती है। ऐसे में इलेक्ट्रिक कारों की कीमतों को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल होता है। फिलहाल इलेक्ट्रिक कारों की ऊंची कीमत ही ज्यादातर लोगों के लिए इन्हें खरीदने में सबसे बड़ी बाधा बन रही है। इस समस्या के समाधान के तौर पर एमजी ने सब्सक्रिप्शन प्लान के तहत कार उतारी है। इसमें ग्राहकों को कार खरीदते समय सिर्फ कार की कीमत ही चुकानी होगी। वहीं बैटरी की कीमत कार के रनिंग के आधार पर तय होगी.
बैटरी के लिए कंपनी का खास प्लान
'बैटरी एज ए सर्विस' यानी BaaS नाम के प्लान के तहत कंपनी ने कॉमेट ईवी, विंडसर ईवी और जेडएस ईवी को उतारा है। यानी ग्राहक को कार की कीमत सिर्फ एक बार ही चुकानी होगी। ऐसे में एमजी कॉमेट ईवी की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 4.99 लाख रुपये रखी गई है। इसमें प्रति किलोमीटर 2.5 रुपये बैटरी किराया देना होगा। वहीं, एमजी जेडएस ईवी की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 13.99 लाख रुपये और साथ ही प्रति किलोमीटर 4.5 रुपये बैटरी किराया तय किया गया है। एमजी विंडसर को 9.99 लाख रुपये एक्स-शोरूम कीमत पर उतारा गया है, जबकि बैटरी का सब्सक्रिप्शन चार्ज 3.5 रुपये प्रति किलोमीटर है।
लाइफ टाइम वारंटी और एश्योर्ड बाय-बैक
एमजी मोटर्स अपने शुरुआती ग्राहकों को इलेक्ट्रिक कारों पर लाइफ टाइम वारंटी भी दे रही है। इसके अलावा तीनों कारों में एक साल के लिए फ्री बैटरी चार्जिंग की सुविधा भी दी गई है। हालांकि, इसके लिए कंपनी ने कुछ नियम और शर्तें भी रखी हैं। कंपनी का कहना है कि BaaS प्लान के तहत ग्राहक अपनी एमजी कार को तीन साल तक इस्तेमाल करने के बाद कंपनी को वापस बेच सकेंगे। इसके लिए कंपनी कार की कीमत का 60 फीसदी मूल्य देगी।
1,00,000 किलोमीटर चलाने पर कितना आएगा खर्च?
अब सबसे अहम बात यह है कि नए प्लान के तहत खरीदी गई कार को चलाने में कितना खर्च आएगा। एमजी की इन इलेक्ट्रिक कारों में फ्री पब्लिक चार्जिंग सिर्फ एक साल के लिए है। इसके बाद ग्राहक को टैरिफ रेट के हिसाब से चार्जिंग फीस देनी होगी। कॉमेट ईवी की बात करें तो अगर आप इस कार को 1,00,000 किलोमीटर चलाते हैं तो प्रति किलोमीटर 2.5 रुपये के हिसाब से BaaS के तहत 2,50,000 रुपये देने होंगे। यानी एक लाख किलोमीटर के बाद कॉमेट ईवी के लिए आपका कुल खर्च 7,50,000 रुपये हो जाएगा। कॉमेट ईवी के चार्जिंग खर्च को भी अगर इसमें जोड़ दिया जाए तो इस इलेक्ट्रिक कार की कुल ओनरशिप कॉस्ट और भी बढ़ जाएगी। आमतौर पर एक इलेक्ट्रिक कार की एक किलोमीटर की रनिंग कॉस्ट एक रुपया आती है। ऐसे में एक लाख किलोमीटर कार चार्ज करने पर करीब एक लाख रुपये का खर्च आएगा। इस चार्ज को भी जोड़ दिया जाए तो कार की कुल ओनरशिप 8,50,000 रुपये हो जाएगी।