सार
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (Federation of Automobile Dealers Association) के मुताबिक, पिछले महीने इलेक्ट्रिक कारों और एसयूवी की रिटेल सेल में 324% का उछाल आया। भारत के कई राज्यों ने ईवी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी का ऐलान किया है।
ऑटो डेस्क। देश के ऑटो मार्केट के लिए एक और शुभ संकेत है। अमेरिकी कंपनी ने भारत वापसी का मूड बना लिया है। भारतीय बाजार में फोर्ड की बड़ी उपस्थिति थी। फोर्ड व्हीकल, रफ एंड टफ बिल्ड क्वालिटी के लिए जाने जाते हैं। वहीं कंपनी ने बीते साल बढ़ते घाटे की वजह से भारत में ऑपरेटिंग बंद करने का ऐलान किया था। वहीं अब, American automaker वापसी करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए manufacturing plant शुरू करने के लिए वह तमिलनाडु सरकार के साथ बातचीत कर रही है। कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रोडक्शन करके इसका विदेशों में निर्यात कर सकती है। कंपनी सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (production-linked incentives (PLIs) )योजना का लाभ उठाने के लिए पहले ही जोर आजमाइश कर चुकी है। हालांकि, पीएलआई लाभों का लाभ उठाने के लिए, फोर्ड को नए सिरे से निवेश करने की जरुरत होगी।
हजारों लोगों को मिलेगा रोजगार
operational बंद करने से पहले, फोर्ड लगभग 4,000 श्रमिकों के साथ दो प्रोडक्शन यूनिट ऑपरेट कर रहा था। कंपनी घरेलू बाजार और निर्यात दोनों के लिए वाहनों का प्रोडक्शन कर रही थी। हालांकि, फोर्ड को एक दशक में 2 अरब डॉलर से अधिक के नुकसान झेलना पड़ा है। फोर्ड फिगो, इकोस्पोर्ट और एंडेवर ( Ford Figo, EcoSport, and Endeavour) भारत में बेहद पसंद की जाने वाली कारें हैं। फोर्ड, हुंडई और होंडा जैसी कंपनियों से मुकाबला नहीं कर पाई, इस वजह से कंपनी ने अपना प्रोडक्शनबंद करके कंप्लीट बिल्ट यूनिट के तहत कारें पेश करने की योजना बनाई थी। कंपनी नए ईवी बनाने के लिए तमिलनाडु में अपने कारखाने में कई बदलाव करे जा रही है। इससे स्थानीय लोगों को रेजगार मिलेगा, वहीं ऑटो सेक्टर के लिए भी यह शुभ संकेत हैं। प्रोडक्शन शुरू होने से फोर्ड और भारत दोनों के लिए फायदे की स्थिति है।
जब चाहे शुरु हो सकता है कारों का प्रोडक्शन
बता दें कि फोर्ड के भारत में प्रोडक्शन बंद करने के ऐलान के बाद मोदी सरकार ने नई पीएलआई योजना का ऐलान किया था। यह passenger EV makers को उनके वार्षिक बिक्री मूल्य के आधार पर 13% - 16% incentives प्रदान करता है। नई योजना केवल बीईवी और एफसीईवी (BEVs and FCEVs) के लिए लागू है। वहीं फोर्ड भारत में अपने संयंत्र को केवल निर्यात के रूप में इस्तेमाल करने की योजना बना रही है, वह सरकार की नई स्कीम का फायदा उठाकर कंपनी भारतीय बाजार में नए ईवी मार्केट में एंट्री करने के लिए कर सकती है। फोर्ड के पास पहले से सभी सुविधाएं मौजूद हैं, ऐशे में उस प्रोडक्शन शुरु करने में बहुत मामूली समय लगेगा। बता दें कि फोर्ड ने अभी तक अपनी प्रोडक्शन यूनिट में बदलाव नहीं किया है।
भारत में तेजी से बढ़ रहा ईवी का मार्केट
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (Federation of Automobile Dealers Association) के मुताबिक, पिछले महीने इलेक्ट्रिक कारों और एसयूवी की रिटेल सेल में 324% का उछाल आया। भारत के कई राज्यों ने ईवी को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी का ऐलान किया है। इसका फायदा उठाते हुए टाटा ने नेक्सान, टिगोर ईवी जैसी कारों की बंपर बिक्री की है।
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