सार

केंद्रीय राजमार्ग और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने जर्मन कार निर्माता कंपनी मर्सिडीज-बेंज को सलाह देते हुए कहा कि वे अपना उत्पादन बढ़ाए और लागत कम करें, जिससे कि भारत में भी लोग उनकी कारें खरीद सकें। 

मुंबई। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जर्मन लग्जरी कार निर्माता मर्सिडीज-बेंज को भारत में स्थानीय स्तर पर अधिक से अधिक कारों का उत्पादन करने के लिए  कहा। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह के कदम से लागत में कमी आती है। पुणे के पास चॉकन नाम की जगह पर मर्सिडीज-बेंज ने भारत के पहले स्थानीय रूप से असेंबल किए गए EQS 580 4MATIC EV मॉडल को शुक्रवार को लॉन्च किया। 

इस कार के रोलआउट पर बोलते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का एक बड़ा बाजार है। मंत्री ने कहा, आप उत्पादन बढ़ाएं, तभी लागत कम करना संभव है। हम मध्यम वर्ग के लोग हैं, यहां तक ​​कि मैं भी आपकी कार नहीं खरीद सकता।" मर्सिडीज बेंज इंडिया ने भारत में अपनी नई इलेक्ट्रिक लग्जरी सेडान कार मॉडल नंबर EQS 580 को शुक्रवार को लॉन्च कर दिया है। भारत में इस कार की कीमत एक करोड़ 55 लाख रुपए होगी। यह इस कार की एक्स-शोरूम प्राइस है।

सिंगल चार्ज में 857 किलोमीटर की रेंज

दिलचस्प यह है कि मर्सिडीज ने इस कार को भारत में ही असेंबल किया है। यह कार EQC और EQS 53 AMG के बाद इलेक्ट्रिक सब-ब्रॉन्ड EQ में लॉन्च हुई तीसरी मॉडल है। इस कार को महाराष्ट्र के पुणे के पास चॉकन नाम की जगह पर मर्सिडीज के मैन्युफेक्चरिंग प्लांअ में असेंबल किया गया है। मर्सिडीज बेंज EQS 580 मॉडल में कंपनी ने 200 केडब्ल्यू डीसी फॉस्ट चार्जिंग दिया है। इसके तहत यह सिर्फ 15 मिनट के चार्ज में 300 किलोमीटर तक जा सकती है। साथ ही एक बार के सिंगल चार्ज में यह 857 किलोमीटर तक का रेंज देती है। 

कार कंपनियों के लिए भारत बड़ा बाजार 
गडकरी के अनुसार, देश में कुल 15.7 लाख पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहन हैं। वहीं, कुल ईवी बिक्री में 335 प्रतिशत की वृद्धि के साथ देश में यह एक बड़ा बाजार है। साथ ही, देश में एक्सप्रेस हाईवे आने से मर्सिडीज-बेंज इंडिया को इन कारों के लिए एक अच्छा बाजार मिलेगा। भारतीय ऑटोमोबाइल का आकार वर्तमान में 7.8 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें निर्यात 3.5 लाख करोड़ रुपये है और मेरा सपना इसे 15 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बनाना है। गडकरी ने मर्सिडीज-बेंज के वाहन स्क्रैपिंग इकाइयों की स्थापना के लिए संयुक्त उद्यम स्थापित करने का विचार भी रखा, जिससे कंपनी को अपने पुर्जों की लागत को 30 प्रतिशत तक कम करने में मदद मिलेगी। 

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