सार

3 जून 1998 को इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में पूर्व मंत्री बृज बिहारी भर्ती थे। इसी रात आठ बजे वह पार्क में टहल रहे थे कि 6-7 बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। मामले की सीबीआई जांच हुई। जिसमें सूरभान के साथ मुन्ना शुक्ला का भी नाम आया। मुन्ना ने गुनाहों की सजा से बचने के राजनीति का सहारा लिए, और तीन बार विधायक बने।

पटना (Bihar) । तीन बार विधायक रहे मुन्ना शुक्ला उर्फ विजय कुमार शुक्ला इस बार वैशाली के लालगंज से निर्दलीय चुनाव लड़े। लेकिन, उनका सपना चकनाचूर हो गया। जी हां उन्हें इस बार करारी हार का सामना करना पड़ा। बताते चले कि वो तीन बार विधायक रह चुके हैं और जेल में रहते हुए भी सुर्खियों में रहे। एक बार तो जेल के अंदर डांसर्स नचाते हुए भी उसकी तस्वीरें वायरल हुई थीं। जिसके बाद हड़कंप मच गया था। यही नहीं कई बार जेल के अंदर से रंगदारी मांगने की भी बातें सामने आई। मुन्ना ने जेल के अंदर से ही हिंदी में पीएचडी की उपाधि भी हासिल की थी। हालांकि वो इस समय बाहर हैं।

साल 2015 में भी हार गए थे मुन्ना
बात अगर साल 2015 के चुनाव की करें तो लोजपा के राज कुमार साह ने जेडीयू के मुन्ना शुक्ला को हरा दिया था। इस चुनाव में राजकुमार साह को 80,842 वोट मिले थे, जबकि मुन्ना शुक्ला 60549 वोट हासिल कर सके।

मुन्ना पर दर्ज हैं 13 केस, 8 करोड़ की है संपत्ति
मुन्ना शुक्ला के ऊपर 13 केस दर्ज इस समय चल रहे हैं। इनमें आर्म्स एक्ट, सरकारी काम में बाधा डालने जैसे कई आरोप में केस दर्ज है। इसके अलावा 2002 में एक हत्या का मुकदमा दर्ज है। वहीं, मुजफ्फरपुर, वैशाली और सराय में अधिकतर केस दर्ज है। उनपर असॉल्ट का भी केस दर्ज है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बात अगर मुन्ना शुक्ला के दौलत की करें तो उनके पास करीब 8 करोड़ की संपत्ति है। उनकी पत्नी अनु शुक्ला और बेटी शिवानी शुक्ला के नाम पर ही अधिकतर संपत्ति है।

ऐसे अपराध जगह में बनी थी मुन्ना की पहचान
बिहार के लालगंज क्षेत्र के मुन्‍ना शुक्ला की प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई थी। वे चार भाइयों में तीसरे नंबर पर थे। बडे भाई छोटन शुक्ला अपराध जगत का बेताज बादशाह रहे। उसने यूनिवर्सिटी से आपराधिक यात्रा शुरू की थी। बाद में वे ठेकेदारी करने लगे। बताते हैं कि उत्तर बिहार के हर बड़े प्रोजेक्ट पर छोटन का कब्जा होता था। छोटन शुक्ला अंडरवर्ल्ड में वर्चस्व बनाए रखने की जंग में भी शामिल थे। इसी दौरान 1994 में उसकी हत्या हो गई। आरोप पू्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद पर भी लगा। इसी हत्या के विरोध में मुन्ना प्रदर्शन कर रहे थे कि गोपालगंज के डीएम जी कृष्णैया की भीड़ में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, जिसका सीधा आरोप मुन्ना शुक्ला पर लगा। इसके बाद वह अपराध जगत में चल गए।

जेल गए फिर बने तीन बार विधायक
छोटन शुक्ला के सभी आपराधिक साथी, मुन्‍ना के साथ आ गए और वह धीरे-धीरे अपराध जगत में पैर जमाने लगे। इसी दौरान उसका लिंक बाहुबली सूरजभान से भी जुड़ा। इसके बाद वह भी बड़े भाई की तरह मुजफ्फरपुर के बड़े प्रोजेक्टों को कराने की ठेकेदारी लेने लगे। 3 जून 1998 को इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में पूर्व मंत्री बृज बिहारी भर्ती थे। इसी रात आठ बजे वह पार्क में टहल रहे थे कि 6-7 बदमाशों ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी। मामले की सीबीआई जांच हुई। जिसमें सूरभान के साथ मुन्ना शुक्ला का भी नाम आया। मुन्ना ने गुनाहों की सजा से बचने के राजनीति का सहारा लिए, और तीन बार विधायक बने।