सार
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों में बाहुबलियों के भविष्य का फैसला हो चुका है। 243 सीटों पर 3733 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें 1201 दागी प्रत्याशी हैं। इस बार के चुनाव में 12 ऐसे प्रत्याशी मैदान में थे, जिनके बैकग्राउंड को देखने के बाद लोग सहम जाते हैं। आइये जानते हैं, अनंत सिंह से लेकर पप्पू यादव तक...कौन बाहुबली जीता और कौन हारा....।
पटना (Bihar) । बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के नतीजों में बाहुबलियों के भविष्य का फैसला हो चुका है। 243 सीटों पर 3733 प्रत्याशी मैदान में थे, जिसमें 1201 दागी प्रत्याशी हैं। इस बार के चुनाव में 12 ऐसे प्रत्याशी मैदान में थे, जिनके बैकग्राउंड को देखने के बाद लोग सहम जाते हैं। आइये जानते हैं, अनंत सिंह से लेकर पप्पू यादव तक...कौन बाहुबली जीता और कौन हारा....।
1 - चौथी बार मोकोमा सीट पर अनंत सिंह का कब्जा
मोकामा सीट से बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने लगातार चौथी बार चुनाव जीत चुके हैं। चौथीं बार आरजेडी के टिकट पर मैदान में थे। उन्होंने जेडीयू के राजीव लोचन सिंह को हराया है। साल 2015 के चुनाव को उन्होंने जेल में रहकर भी जीता था, इस बार भी जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। अनंत सिंह के ऊपर 38 मामले चल रहे हैं। इनमें मर्डर, जान से मारने की धमकी देना, किडनैपिंग, हथियार रखना जैसे मामले शामिल हैं। कुछ मामले आर्म्स एक्ट के तहत भी दर्ज हैं। इसके साथ ही तीन मामले आचार संहिता के उल्लंघन के भी हैं।
2 - मनोरमा देवी की हार, बाहुबली की पत्नी...
अतरी सीट से बाहुबली नेता रहे बिंदेश्वरी यादव उर्फ बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी राजद से चुनाव लड़ रही थी। इनको हार का सामना करना पड़ा है। इनको लगभग 50 हजार वोट मिले, जबकि इनको हराने वाले राजद प्रत्याशी अजय यादव को लगभग 58 हजार वोट मिले। बता दें, मनोरमा देवी वो दो बार एमएलसी रह चुकी हैं। अभी स्थानीय प्राधिकार क्षेत्र से विधान पार्षद हैं। जिनका कार्यकाल मई 2021 तक है। मनोरमा देवी पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही थीं।
3 - रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह की जीतः महनार सीट से बाहुबली नेता रामा सिंह की पत्नी वीणा सिंह को जीत हासिल हुई है। आरजेडी प्रत्याशी वीना को 46 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं। उनके पास कुल संपत्ति 4.27 करोड़ रुपए की है। वह खुद बीएसएनएल की रिटायर्ड कर्मचारी हैं, जबकि पति रामा सिंह लोजपा से सांसद रहे हैं। जिनके आरजेडी में इंट्री का लालू प्रसाद यादव के करीबी रहे रघुवंश प्रसाद सिंह अपने जीवन के आखिरी समय तक विरोध किया था। रघुवंश ने अपने निधन से कुछ दिन पहले इसी नाराजगी के चलते राजद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बाद में, तेजस्वी यादव ने अपने करीबी रामा सिंह को आरजेडी में शामिल कर लिया, जिसके बाद उनकी पत्नी वीणा को महनार विधानसभा सीट टिकट दिया था।
4 - बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन भी मैदान में... : जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे और आरजेडी प्रत्याशी चेतन आनंद शिओहर सीट पर जीत दर्ज की है। इनको 73 हजार से ज्यादा वोट मिला है। बता दें कि पिछली बार चुनाव में वो चेतन आनंद की मां लवली आनंद से महज 461 मतों के अंतर से जीतकर दूसरी बार विधायक बने थे।
5 - बाहुबली रीतलाल की बड़ी जीतः दानापुर से रीतलाल आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़े और जीत दर्ज की। वो अप्रैल में ही जमानत पर जेल से बाहर आए हैं, जिनके ऊपर इस समय भी हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी जैसे 14 केस चल रहे हैं।
6 - 7वीं बार चुनाव मैदान उतरी लवली आनंद को मिली हार, जेल में बंद है पतिः जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद अपने पति की तरह जल्दी-जल्दी पार्टियां बदलती रही हैं। वो इस बार आरजेडी के टिकट पर सहरसा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ी लेकिन हार नसीब हुई।
7 - मुन्ना शुक्ला-चौथी बार विधायक बनने का सपना टूटाः तीन बार विधायक रहे मुन्ना शुक्ला उर्फ विजय कुमार शुक्ला इस बार वैशाली के लालगंज से निर्दलीय चुनाव लड़े लेकिन उनका सपना चकनाचूर हो गया। एफिडेविट के मुताबिक- उनके पास करीब आठ करोड़ की सपत्ति है, जबकि इस समय 13 आपराधिक मामले दर्ज हैं। बात अगर साल 2015 के चुनाव की करें तो लोजपा के राज कुमार साह ने जेडीयू के मुन्ना शुक्ला को हरा दिया था।
8 - मधेपुरा से चुनाव लड़ रहे पप्पू यादव को मिली हारः जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सांसद पप्पू यादव इस बार मधेपुरा सीट से चुनाव लड़े लेकिन ये तीन नंबर पर रहे। बता दें कि उनकी पहचान बिहार में कभी बाहुबली के रूप में की जाती थी। लेकिन, आज की तारीख में वह बाहुबल की राजनीति से मीलों दूर हैं और एक सोशलवर्कर के रूप में जाने जाते हैं। पिछले कुछ सालों में सोशल वर्कर पप्पू यादव की तस्वीरें कई बार लोगों ने देखी होगी। लोकसभा में भी सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले सांसदों के रूप में भी उनका नाम आ चुका है।
9 - सुधीर कुमार वर्मा, 37 मामले दर्ज..मिली बड़ी हारः सुधीर कुमार वर्मा गुरूआ से जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन बुरी हार मिली। इन्हें लगभग 6 हजार वोट ही मिले। उनपर 37 मामले दर्ज हैं। इनमें हत्या, हत्या का प्रयास और अपहरण के तीन-तीन मामले मुख्य रूप से शामिल हैं। एक समय था उनपर 25 हजार का ईनाम भी घोषित किया गया था।
10 - मनोज मंजिल ने दर्ज की बड़ी जीतः भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेशन) के टिकट पर भोजपुर जिले के अगिआंव विधानसभा सीट से चुनाव लड़े मनोज मंजिल को 86 हजार से ज्यादा वोट मिले। इनपर 30 आपराधिक केस दर्ज हैं।
11 - अनिल कुमार ने ठोंका ताल लेकिन मिली बड़ी हारः अनिल कुमार जनतांत्रिक विकास पार्टी से भोजपुर के तरारी सीट से चुनाव लड़े लेकिन बड़ी हार मिली। इनको लगभग 6 हजार वोट ही मिले। इनपर कुल 23 मामले दर्ज हैं।
12 - कर्णवीर को मिली बड़ी हारः पटना के बाढ़ विधानसभा सीट से कर्णवीर सिंह यादव उर्फ लल्लू मुखिया निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े लेकिन तीन नंबर से आगे नहीं बढ़ सके। इनपर 15 क्रिमिनल केस हैं। इनमें हत्या, अपहरण और फिरौती जैसे मामले के भी एक-एक केस शामिल हैं। मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के दाहिना हाथ के रूप में भी जानते और पहचानते हैं।