सार
राष्ट्रीय जनता दल के रवैया से नाराज होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने महागठबंधन से निकलने का मन बना लिया था। इसे लेकर पार्टी के नेताओं के साथ उन्होंने बैठक भी की थी। खबर कि अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने के दौरान जैसे उन्होंने बिहार की राजनीति में सबको चौका दिया था कुछ वैसा की करने की तैयारी में हैं। इसके लिए उन्होंने दिल्ली में बसपा सुप्रीमों मायावती से भी बात की थी।
पटना (Bihar ) । बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar assembly elections) से पहले सीट शेयरिंग के मुद्दे पर महागठबंधन से नाराज हुए राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) को लेकर खबर आ रही है। उन्होंने आज आरजेडी के महागठबंधन से खुद को अलग कर बसपा के साथ गठबंधन का एलान किया है। इसमें जनवादी पार्टी सोशलिस्ट पार्टी भी शामिल हुआ है। इस मौके पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार ने 15 साल में बिहार को रसातल में पहुंचा दिया है। इसलिए बिहार को नीतीश कुमार से मुक्त कराना जरूरी है। आज के विपक्ष से नीतीश को हटाना संभव नहीं है, ऐसे में नया गठबंधन जरूरी था। अब हम बसपा प्रमुख मायावती (BSP chief Mayawati) के साथ मिलकर बिहार के सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।
चिराग पासवान को भी दिया न्योता
उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार से नाराज चल रहे चिराग को भी न्योता दिया है। साथ ही कहा है कि इस गठबंधन में जो आना चाहें सबका स्वागत है। रालोसपा में मची भगदड़ पर उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि हमने अपनी नाव मंझधार से निकाल ली है। लेकिन, जो कमजोर दिल वाले हैं वो उतरकर भाग रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने छोड़ा उपेद्र का साथ
एक दिन पहले तेजस्वी यादव ने उनको बड़ा झटका दिया था। उनकी ही पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूदेव चौधरी को अपने साथ ले लिया, ऐसे में उपेंद्र कुशवाहा के समक्ष अब सबसे बड़ी समस्या बिहार में पार्टी के राजनीतिक वजूद बचाने को लेकर है। हालांकि दिल्ली से लौटने पर सोमवार को कुशवाहा ने कहा था कि मेरी कोई मुलाकात भूपेंद्र यादव से नहीं हुई है। जब मैं फैसला ले लूंगा तो जानकारी साझा की जाएगी।