सार
पहले फेज की नामांकन प्रक्रिया आज शाम तक खत्म हो रही है। नाम वापस लेने की अवधि खत्म होने के साथ ही बागियों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी।
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Polls 2020) के लिए दलों को बगावत का भी सामना करना पड़ा रहा है। चाहे जेडीयू (JDU) हो बीजेपी (BJP) या आरजेडी (RJD)- लगभग सभी दलों को पहले फेज में बागियों से दो-दो हाथ करने पड़ रहे हैं। पहले फेज की नामांकन प्रक्रिया आज शाम तक खत्म हो रही है। पहले फेज का नोटिफिकेशन 1 अक्तूबर को जारी किया गया था। माना जा रहा है कि नाम वापस लेने की अवधि खत्म होने के साथ ही बागियों पर कार्रवाई शुरू हो जाएगी। राज्य में सबसे ज्यादा बीजेपी को बागियों का सामना करना पड़ रहा है।
बताते चलें कि इस बार गठबंधनों के स्वरूप के चलते कई सीटें सहयोगियों को देनी पड़ी हैं। सहयोगियों के खाते में सीट जाने के बाद पार्टी के पुराने दावेदार बगावत पर उतर आए हैं। पिछली बार बीजेपी-जेडीयू अलग थीं, लेकिन इस बार एनडीए में जेडीयू के जाने के बाद बीजेपी के कई दिग्गज एलजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें राजेन्द्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, उषा विद्यार्थी जैसे दिग्गज बागी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि तीनों फेज को मिलाकर एक दर्जन से ज्यादा बागी मैदान में हैं।
बागियों का क्या करेगी बीजेपी?
एलजेपी (LJP) की वजह से एनडीए (NDA) में बीजेपी की भूमिका पर सवाल होने शुरू हो गए थे। इसके बाद एनडीए की घोषणा के वक्त ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की मौजूदगी में बीजेपी नेताओं ने साफ किया कि पार्टी छोड़कर एनडीए के खिलाफ लड़ने वाले बागी नेताओं पर कार्रवाई की जाएगी। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने अल्टीमेटम देते हुए पार्टी नेताओं से साफ कहा था कि वो समय रहते अपनी दावेदारी वापस ले लें अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। पहले फेज के बागियों पर निष्कासन या निलंबन की तलवार लटकी हुई है। ऐसा करके पार्टी जेडीयू के साथ मजबूत रिश्तों का संदेश देना चाहेगी।
एलजेपी ने कैसे फंसाया पेंच
नीतीश की वजह से चिराग पासवान (Chirag Paswan) की एलजेपी, एनडीए से अलग हो गई थी। पार्टी चुनाव में जेडीयू कोटे की सभी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी ने यह भी घोषणा की थी कि वो "बिहार फ़र्स्ट बिहारी फ़र्स्ट विजन" के साथ पीएम नरेंद्र मोदी के काम को लेकर चुनाव में उतरेगी और बाद में बीजेपी के साथ सरकार बनाएगी। इसके बाद देखा गया कि जेडीयू कोटे की तमाम सीटों पर बीजेपी के दिग्गज एलजेपी की ओर से लड़ने मैदान में आ रहे हैं। इसे जेडीयू ने गंभीरता से लिया। जिसके बाद बीजेपी ने बागियों के खिलाफ सख्त तेवर दिखाए हैं।
बागियों पर कार्रवाई तय
एनडीए के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले कई बीजेपी बागियों का निष्कासन तय है। वैसे बीजेपी के अलावा जेडीयू और आरजेडी को भी बगावत का सामना करना पड़ रहा है। हर फेज के नाम वापसी की तारीख खत्म होने के साथ ही बागी उम्मीदवार दलों से बाहर निकाले जा सकते हैं।
(फोटो: जमुई विधानसभा सीट पर जनसंपर्क करती बीजेपी उम्मीदवार श्रेयसी सिंह।)