सार
नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव 11 बजे राघोपुर विधानसभा सीट से नामांकन किया। नामांकन 11 बजे हाजीपुर अनुमंडल कार्यालय में होगा।
राघोपुर/पटना। बिहार में 243 विधानसभा सीटों में राघोपुर सबसे हाईप्रोफाइल सीट बन गई है। आज यहां से नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने नामांकन किया। नामांकन हाजीपुर अनुमंडल कार्यालय में हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में आरजेडी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। नामांकन से पहले नेता प्रतिपक्ष ने ट्वीट किया है।
नामांकन के लिए निकलने से पहले तेजस्वी यादव ने मां राबड़ी देवी और बड़े भाई तेजप्रताप यादव का पैर छोकर आशीर्वाद लिया। तेजस्वी ने फोटो साझा करते हुए ट्वीट किया- "मैंने सौगंध ली है कि बिहार के हित में सदा कार्य करता रहूंगा। हर बिहारवासी को जब तक उनका हर अधिकार नहीं दिला देता, चैन से बैठने वाला नहीं हूं। इस सौगंध को पूरा करने के क्रम में आज नामांकन करने जा रहा हूं। परिवर्तन के इस शंखनाद में आपके स्नेह, समर्थन और आशीर्वाद का आकांक्षी हूं।"
तेजस्वी से पहले राघोपुर सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी चीफ लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी भी कर चुकी हैं। 2015 में इसी सीट से पहली बार तेजस्वी ने चुनाव जीता था। बाद में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार में डिप्टी सीएम भी बने। हालांकि दो साल में ही महागठबंधन टूट गया। नीतीश एनडीए में शामिल हो गए और आरजेडी-कांग्रेस को सत्ता से बाहर होना पड़ा।
पहली बार कब चर्चा में आया राघोपुर
राघोपुर विधानसभा पहली बार 1995 में तब चर्चा में आया जब यहां से तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने चुनाव लड़ा। 1980 से 1995 तक यहां लगातार तीन बार विधायक रहे समाजवादी नेता उदय नारायण राय उर्फ भोला राय ने लालू के लिए यह सीट छोड़ी थी। लालू ने चुनाव जीता लेकिन चारा घोटाले में जेल जाने के बाद उन्होंने ये सीट छोड़ दी। उनकी जगह मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने यहां से चुनाव जीता और विधायक बनीं।
2010 ये सीट आरजेडी के कब्जे में थी। लेकिन 2010 के चुनाव में जेडीयू उम्मीदवार सतीश कुमार ने राबड़ी को हराकर सबको चौंका दिया था। 2015 में तेजस्वी ने पहली बार यहां से चुनाव लड़ा और आरजेडी की सीट फिर से वापस ले ली।
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