सार
चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं की ओर से 5 सितंबर तक तीन हजार से ज्यादा आवेदन किए गए हैं। करीब 500 से ज्यादा बायोडाटा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास भी पहुंचे हैं।
पटना। विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Polls) के लिए टिकट की दावेदारी से हर पार्टी परेशान है। इतने दावेदार आ रहे हैं कि सबको संतुष्ट करना पार्टियों के बस की बात नहीं। जेडीयू, आरजेडी, बीजेपी, कांग्रेस और एलजेपी सब जगह एक जैसी स्थिति है। आरजेडी (RJD) में 11 हजार से ज्यादा दावेदार हैं। जबकि जेडीयू (JDU) में भी इतने दावेदार हो गए हैं कि हर सीट पर मारामारी दिख रही है। चुनाव लड़ने के इच्छुक कार्यकर्ताओं की ओर से 5 सितंबर तक तीन हजार से ज्यादा आवेदन किए गए हैं। करीब 500 से ज्यादा बायोडाटा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के पास भी पहुंचे हैं।
ललन सिंह (Lalan Singh) जैसे पार्टी के दिग्गज नेताओं के पास भी आवेदन पहुंचे हैं। मजेदार यह कि कुछ नेताओं ने तीन-तीन जगह से भी आवेदन किया है। कोशिश यह है कि कहीं न कहीं से टिकट का जुगाड़ हो जाए। नीतीश कुमार ने इसी हफ्ते पार्टी दफ्तर में दावेदारों से मुलाक़ात भी की थी। तीन दिन की मीटिंग में एक हजार से ज्यादा दावेदार और पार्टी नेता नीतीश से मिले और अपनी दावेदारी पेश की। जानकारी के मुताबिक पार्टी करीब ढाई हजार से ज्यादा आवेदनों को लिस्ट कर स्क्रूटनी करेगी। दावेदारों में पार्टी के सांगठानिक नेता भी हैं जो विधानसभा में जाने को इच्छुक हैं।
ज्यादा से ज्यादा मौजूदा विधायकों को मौका
उधर, यह भी चर्चा है कि पार्टी अपने ज्यादा से ज्यादा सीटिंग विधायकों को मैदान में उतारने की योजना बना रही है। 2015 के चुनाव में जेडीयू के टिकट पर 71 विधायक चुके गए थे। इसमें से श्याम रजक (Shyam Rajak) कुछ दिन पहले ही जेडीयू छोडकर आरजेडी में चले गए थे। रजक के जाने के बाद इस वक्त पार्टी के 70 सीटिंग एमएलए हैं। कहा जा रहा है कि ज़्यादातर को मैदान में उतारा जाएगा।
कैसे करेंगे सबको संतुष्ट
एनडीए (NDA) में मिल रही सीटें, दावेदारों की संख्या और सीटिंग एमएलए को मौका देने और आरजेडी छोड़कर आए विधायकों को देखते हुए यह बहुत चुनौतीपूर्ण काम है कि सभी दावेदारों को संतुष्ट किया जाए। एनडीए में जेडीयू को 100 या 110 सीटें मिलने का अनुमान है। टिकटों की मारामारी समझी जा सकती है।
रघुवंश को याद कर भावुक हुए नीतीश
उधर, एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) को याद कर नीतीश कुमार भावुक हो गए। रघुवंश की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे नीतीश ने कहा, "रघुवंश बाबू के लिए हम सभी के दिल में सम्मान है। वह विचारों पर दृढ़ ऐसे नेता थे जो विरोधियों से भी अच्छा संबंध रखते थे। अंतिम समय में उन्होंने मुझे पत्र लिखा था। हमने तत्काल कदम उठाए हैं। रघुवंश बाबू की मांगों पर केंद्र और राज्य सरकार जरूर अमल करेगी।" बताते चलें कि अस्पताल से लिखी चिट्ठी में रघुवंश बाबू ने कई मांगे की थी जिसमें से एक काबुल से भगवान बुद्ध के कटोरे को लाकर वैशाली में रखने की मांग शामिल थी।