सार

एग्जिट पोल्स के अनुमान की वजह से आरजेडी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। यही वजह है कि कई प्रत्याशियों ने अभी से ही जीत के जश्न की शुरुआत कर दी है। बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी इसमें से एक हैं। 

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 नवंबर को आने वाले हैं। उससे पहले एग्जिट पोल के अनुमान सामने आए हैं। कुछ में एनडीए के मुकाबले महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत और कई पोल्स में आगे दिखाया गया है। एग्जिट पोल्स के अनुमान की वजह से आरजेडी प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। यही वजह है कि कई प्रत्याशियों ने अभी से ही जीत के जश्न की शुरुआत कर दी है। बाहुबली विधायक अनंत सिंह भी इसमें से एक हैं। 

अनंत सिंह, मोकामा विधानसभा सीट से फिलहाल निर्दलीय विधायक हैं और इस बार आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। अनंत सिंह हालांकि जेल में बंद हैं, लेकिन नतीजों से पहले ही उनके घर पर पत्नी नीलम देवी की अगुआई में जश्न की भव्य तैयारियां हो रही हैं। हजारों समर्थकों के खाने-पीने का इंतजाम किया जा रहा है। अभी से अनंत सिंह के आवास पर तम्बू-तनाक टांगे जा रहे हैं। छोटे सरकार के नाम से मशहूर अनंत सिंह पांचवी बार मोकामा से चुनाव लड़ रहे हैं। पत्नी नीलम ने दावा किया है इस बार भी उनके पति रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीत रहे हैं। 

बाहुबली की पत्नी ने क्या कहा?
नीलम देवी ने मीडिया से कहा- हम रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीत रहे हैं। जनता एक बार फिर हमें व्यापक जनसमर्थन देगी। नीलम देवी ने यह भी कहा कि न सिर्फ अनंत सिंह की जीत होगी बल्कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में आरजेडी की सरकार भी बनेगी और नए मुख्यमंत्री के रूप में तेजस्वी युवाओं को 10 लाख लोगों नौकरियां देने का वादा भी पूरा करेंगे। 

किससे है अनंत सिंह का मुकाबला?
आरजेडी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे अनंत सिंह का सीधा मुकाबला जेडीयू के राजीव लोचन नारायण सिंह से है। इन दोनों के अलावा मोकामा में दर्जनभर से ज्यादा प्रत्याशी हैं। अनंत सिंह अब तक मोकामा से लगातार चार बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एक जमाने में वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। 2005 और 2010 के चुनाव में उन्होंने जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत भी हासिल की थी। मगर 2015 में अनंत का नीतीश से विवाद हो गया और उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की। 

यह भी पढ़ें:- 

किसी का भी खेल बना या बिगाड़ सकती हैं ये 7 विधानसभा सीटें, 1000 से भी कम मतों से हुआ था हार-जीत का फैसला

जब RJD ने 808 मतों से जीत लिया JDU का गढ़, यहां काम नहीं आया था नीतीश कुमार का 'सुशासन'