सार
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले आरजेडी- स्ट्रेटजी, पोस्टर और प्रचार सामग्री को लेकर चर्चा में है। पार्टी पोस्टर और प्रचार सामग्री भी आरजेडी (RJD) के अंदर ही अंदर कुछ अलग पकने के संकेत दे रहे हैं।
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar elections) की तारीखों के ऐलान से पहले आरजेडी- स्ट्रेटजी, पोस्टर और प्रचार सामग्री को लेकर चर्चा में है। सोशल इंजीनियरिंग के तहत लालू यादव की पार्टी से इस बार ज्यादा से ज्यादा सवर्ण उम्मीदवारों को टिकट देने की बात सामने आ रही है। पिछली बार मात्र पांच उम्मीदवारों को टिकट दिए गए थे। इसी के साथ पार्टी पोस्टर और प्रचार सामग्री भी आरजेडी (RJD) के अंदर ही अंदर कुछ अलग पकने के संकेत दे रहे हैं।
पिछले दिनों चुनाव से पहले आरजेडी के एक पोस्टर ने लोगों का ध्यान खींचा था। पोस्टर में सिर्फ तेजस्वी (Tejaswi Yadav) को फीचर किया गया है और स्लोगन लिखा है- "नई सोच नया बिहार, युवा सरकार अबकी बार।" ये पोस्टर लालू को लिखी पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (Raghuvansh Prasad Singh) की उस चिट्ठी के बाद आया था जिसमें उन्होंने लालू पर परिवारवाद का बढ़ावा देने का आरोप लगाया था। इसमें उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि पार्टी के पोस्टरों से महापुरुषों को हटा दिया गया और उनकी जगह लालू परिवार के पांच लोगों ने ले ली है।
चर्चा में आरजेडी की टीशर्ट
पोस्टर के बाद प्रचार सामग्री (RJD Election Campaign Materials) के रूप में आरजेडी की टीशर्ट भी लोगों ध्यान बटोर रही है। टीशर्ट पर तेजस्वी के साथ उनके बड़े भाई तेजप्रताप (Tejpratap Yadav) की फोटो है। पार्टी का सिंबल भी छपा है, हालांकि लालू यहां से भी गायब नजर आ रहे हैं। टीशर्ट आरजेडी कार्यकर्ताओं के बीच खूब पॉपुलर हो रही है। इसे बड़े पैमाने पर बिहार के अलग-अलग इलाकों में पहुंचाने की तैयारी भी है।
चुनाव को लालू के साए से बचाने की कोशिश
आरजेडी के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है। राजनीति के जानकार मान रहे हैं कि यह लालू की दो रणनीतियों का हिस्सा है। दरअसल, लालू यादव भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा काट रहे हैं। ये आरजेडी के इतिहास का पहला बड़ा चुनाव है जब वो चुनाव से बाहर जेल के अंदर होंगे। चारा, अलकतरा घोटाला, अपराधियों को राजनीतिक प्रश्रय ऐसे मामले हैं जिनसे आरजेडी की पूर्व सरकारों का दामन दागदार है। लालू को यह बात पता है कि चुनाव में एनडीए (NDA) के निशाने पर जेल में बंद लालू और उनपर लगे भ्रष्टाचार के मामले होंगे।
हर वर्ग के युवा मतदाताओं पर नजर
आरजेडी ने इसी से बचने के लिए ही कैम्पेन की रणनीति तैयार की है। पार्टी को पता है कि लालू यादव की वजह से काफी हद तक मुस्लिम-यादव समीकरण उनके पक्ष में ही रहेगा। लेकिन यह मजबूत एनडीए के सामने चुनाव जीतने के लिए बिल्कुल पर्याप्त नहीं है। पार्टी की कोशिश है कि हर वर्ग के युवा मतदाताओं के जरिए लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। दरअसल, इसी कैम्पेन के तहत तेजस्वी बार-बार पुरानी बातों को भुलाकर बिहार में नई और युवा सोच के साथ आगे बढ़ने की वकालत करते हैं।
ब्रांड तेजस्वी के लिए कैम्पेन
दूसरी बड़ी वजह यह भी है कि लालू अपना राजनीतिक उत्तराधिकार तेजस्वी को सौंपना चाहते हैं। लेकिन तेजस्वी की कम उम्र को लेकर एनडीए लगातार निशाना साध रहा है। जबकि आरजेडी उस हमले को युवा नेतृत्व के तर्क के साथ कमजोर करना चाहती है। लालू के कैम्पेन की स्ट्रेटजी यही है कि आक्रामक तरीके से तेजस्वी को पार्टी और बिहार में युवा नेता का "ब्रांड" बनाया जाए। तेजस्वी वैसे ही ब्रांड (Brand Tejaswi) बने जैसे लालू का चेहरा आरजेडी के लिए है। और यह सबकुछ कैम्पेन के जरिए ही निर्भर करता है। अब आरजेडी की कैम्पेन स्ट्रेटजी कितनी कारगर होगी यह देखने वाली बात होगी।