सार

बिहार के बेतिया जिले के एक क थानाध्यक्ष का ऑडियो ने हर तरफ हल्ला मचाकर रखा हुआ है। उन्होंने इसके जरिए शेल्टर  होम की जो सच्चाई बताई है, उसे जानकर हर कोई हैरान है। वहीं इसको लेकर प्रशासन में हड़कंप मच गया और पुलिस अधिकारी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया।


बेतिया (बिहार), सोशल मीडिया पर इन दिनों बिहार के बेतिया जिले के एक थानाध्यक्ष का ऑडियो जमकर वायरल हो रहा है। पुलिस अधिकारी ने वीडियो के जरिए बालिका सुधार गृह की खौफनाक सच्चाई बयां की है। जिसको लेकर शासन-पशसान में हड़कंप मया गया है। इतना ही नहीं इसके लिए एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है। 

 बालिका सुधार गृह मत भेजिए बेटियों को नहीं तो पछताना होगा: थानाध्यक्ष
दरअसल, यह पूरा मामला बेतिया जिले के बैरिया थाने से जुड़ा हुआ है। जहां के थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार हैं। पिछले सप्ताह एक परिवार अपनी बेटी को लेकर  बालिका सुधार गृह लाया था। वह उसे यहां रखना चहाते थे। लेकिन इसी दौरान पुलिस अधिकारी ने उनसे कहा-आप यहां की सच्चाई को नहीं जानते हैं, इसलिए बेटी को यहां पर छोड़ रहे हैं। लेकिन आप इसे घर ले जाओ, क्योंकि यहां का हालत कुछ ठीक नहीं है।

'बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग आते है और लड़कियों सुलाने के लिए ले जाते हैं'
थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार ने पीड़िता के परिजनों से बताया कि बालिका सुधार गृह में लड़कियों के साथ अनैतिक काम होते हैं और उनका शारीरिक शोषण होता है। शाम होते ही यहां पर बड़ी-बड़ी गाड़ियों से लोग आते है और लड़कियों को अपने साथ ले जाते हैं। मजबूरन इऩ लड़कियों को नेताओं के पास सोना पड़ता है। रोज किसी ना किसी नेता के यहां पर इन लड़कियों को सोना पड़ता है। इसलिए हम नहीं चाहते कि कोई लड़की रिमांड होम जाए। यहां एक बार जो लड़की आ जाती है उसको कोई शादी भी नहीं करता है। 

सोशल मीडिया पर ऑडियो ने हल्ला मचाकर रखा
बता दें कि जिस दौरान थानाध्यक्ष बालिका सुधार गृह की सच्चाई बता रहा था तो उस ऑडियो को लड़की के परिजनों ने रिकॉर्ड कर उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। जो काफी वायरल हो गया, इसके बाद सरकार से लेकर प्रशासन तक में हड़कंप मच गया। इसके बाद फौरन बेतिया जिले के एसपी ने मामले की जांच एसडीपीओ सदर मुकुल परिमल पांडेय से करवाई। जांच में यह ऑडियो सही पाया गया। फिर मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्ष को दुष्यंत कुमार को निलंबित कर दिया।

 ऐसे सामने आया पूरा मामला
यह पूरे मामले की शुरूआत उस वक्त हुई जब एक लड़की का  23 मार्च को किसी ने अपहरण कर लिया है। हालांकि पुलिस ने मामले की जांच लड़की को बरामद कर लिया था। लेकिन पीड़िता के परिजन उसे अपने घर में नहीं रखना चाहते थे। इसलिए वह उसे बालिका सुधार गृह छोड़ने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान थानाध्यक्ष दुष्यंत कुमार शेल्टर होम की यह सच्चाई उनको बताई थी।