सार

मल्लाहों के वोट बैंक पर पर नजर रखने वाले मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) भी शामिल है। इसी तरहअसुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम, चंद्र शेखर आजाद रावण की भीम आर्मी, जनता दल यूनाइटेड के नेता विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी की प्लूरल्स, राष्ट्रीय सेवा दल, राष्ट्रवादी विकास पार्टी ने भी राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान किया है।
 

पटना (Bihar) । बिहार  विधानसभा चुनाव में इस बार 160 से अधिक दल ताल ठोक रहे हैं। इसमें आधा दर्जन से अधिक नई पार्टियां मैदान में होंगी। सौ से अधिक दल अपने उम्मीदवार अधिकांश सीटों पर उतारने की बात कह रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2015 के विधानसभा चुनाव में 157 दलों के करीब 3693 उम्मीदवार मैदान में अंतिम समय तक डटे रहे।

ये हैं प्रमुख नई पार्टियां, उतारेंगी अपने उम्मीदवार
नई पार्टियों में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की अगुआई में बनने वाला दल भी शामिल है। भाजपा से अलग हुए यशवंत सिन्हा के साथ जदयू और राजद से खफा चल रहे नेताओं की टोली है. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव, नागमणि, पूर्व सांसद डॉ अरुण कुमार , पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, रेणु कुशवाहा, लोजपा से अलग हुए डा. सत्यानंद शर्मा आदि नेता उनके साथ खड़े हैं। इन लोगों ने एक ग्रुप बना कर सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी की है। मल्लाहों के वोट बैंक पर पर नजर रखने वाले मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) भी शामिल है। इसी तरहअसुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम, चंद्र शेखर आजाद रावण की भीम आर्मी, जनता दल यूनाइटेड के नेता विनोद चौधरी की बेटी पुष्पम प्रिया चौधरी की प्लूरल्स, राष्ट्रीय सेवा दल, राष्ट्रवादी विकास पार्टी ने भी राज्य की सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े करने का एलान किया है।

2015 में थी यह स्थिति
पिछले विधानसभा चुनाव में 158 पार्टियां चुनाव मैदान में थीं। इनमें छह राष्ट्रीय पार्टियां भाजपा,कांग्रेस,बसपा,भाकपा,माकपा और राकांपा के उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। राज्य स्तर पर मान्यता प्राप्त दलों में जदयू,राजद, लोजपा और रालोसपा थीं। दूसरे राज्यों की रजिस्टर्ड नौ दलों ने भी बिहार के चुनावी मैदान में अपने प्रत्याशियों को उतारा था। इनमें झारखंड की झारखंड मुक्ति मोर्चा, यूपी की समाजवादी पार्टी, आंध्र प्रदेश की एआइएमआइएम प्रमुख थीं।