सार
जदयू नेता प्रशांत किशोर के बयान के बाद से बिहार में भाजपा-जदयू के बीच सीट बंटवारे को लेकर बयानबाजी तेज हो गई है प्रशांत किशोर और सुशील कुमार मोदी के बाद ट्विटर वॉर भी चला इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया सामने आ गई है
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से जदयू को ज्यादा सीटें मिलनी चाहिए, जदयू नेता प्रशांत किशोर के इस बयान के बाद से बिहार की सियासत तेज हो चली है। भाजपा, जदयू के कई नेता ने प्रशांत किशोर को इस बयान के लिए घेरा है। प्रशांत किशोर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने तो यहां कह दिया कि वे अपनी दुकानदारी चलाने के लिए बाजार तैयार कर रहे हैं। जिसका जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने सुशील कुमार मोदी को परिस्थितवश उपमुख्यमंत्री बताया था। दोनों ओर से हुए बयानबाजी से बिहार में राजग गठबंधन खतरे में दिख रहा था। लेकिन सीएम नीतीश कुमार ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए गठबंधन पर किसी भी प्रकार के खतरे का खंडन किया है।
गठबंधन पर बोले सीएम- सब ठीक है
समाचार एजेंसी एएनआई ने नीतीश कुमार से हुई बातचीत के हवाले से लिखा कि बिहार में सब ठीक है। बता दें कि सीट बंटवारे पर जारी ताजा विवाद की शुरुआत रविवार को तब हुई थी जब जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने कहा था कि बिहार में राजग की वरिष्ठ साझीदार होने के नाते उनकी पार्टी को आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। उनके इस बयान के बाद भाजपा प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि 2020 विधानसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारा का काम राजग गठबंधन का शीर्ष नेतृत्व समय आने पर चर्चा करके तय करेगा।
बिहार की जनता ने तय किया है नीतीश का नेतृत्वः प्रशांत
प्रशांत किशोर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बिहार में नीतीश कुमार का नेतृत्व और JDU की सबसे बड़े दल की भूमिका बिहार की जनता ने तय किया है, किसी दूसरी पार्टी के नेता या शीर्ष नेतृत्व ने नहीं। 2015 में हार के बाद भी परिस्थितिवश डिप्टी सीएम बनने वाले सुशील कुमार मोदी से राजनीतिक मर्यादा और विचारधारा पर व्याख्यान सुनना सुखद अनुभव है। बता दें कि प्रशांत ने ट्वीट सुशील कुमार मोदी के उस ट्वीट के बाद किया जिसमें सुमो ने प्रशांत किशोर पर निजी हमला किया था।
सुशील मोदी ने प्रशांत किशोर पर की थी टिप्पणी
सुशील कुमार मोदी ने सोमवार की रात ट्वीट करते हुए लिखा था कि 2020 का विधानसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाना तय है। सीटों के तालमेल का निर्णय दोनों दलों का शीर्ष नेतृत्व समय पर करेगा। कोई समस्या नहीं है। लेकिन जो लोग किसी विचारधारा के तहत नहीं, बल्कि चुनावी डाटा जुटाने और नारे गढ़ने वाली कंपनी चलाते हुए राजनिती में आ गए, वे गठबंधन धर्म के विरुद्ध बयानबाजी कर विरोध गठबंधन को फायदा पहुंचाने में लगे हैं। एक लाभकारी धंधे में लगा व्यक्ति पहले अपनी सेवाओं के लिए बाजार तैयार करने में लगता है, देशहित की चिंता बाद में करता है।
(फाइल फोटो)