सार
हादसे में जान गंवाने वाले पीड़ित परिवार को सरकार आर्थिक मदद के रूप में चार लाख रुपए का चेक देती है। लेकिन बिहार के मुजफ्फरपुर में पीड़ित परिवार को दिया गया चेक तीन बार बाउंस कर गया।
मुजफ्फरपुर। सड़क हादसे में मौत के बाद पीड़ित परिवार को सरकार की ओर से चार लाख रुपए की सहायता राशि दी जाती है। ये राशि संबंधित क्षेत्र के सीओ देते हैं। राशि देने का उद्देश्य होता है कि पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद मिल सके। लेकिन सरकार के इस काम में भी खोट की शिकायतें सामने आई है। सड़क हादसे में पिता की मौत के बाद पीड़ित परिवार को चार लाख रुपए का चेक तो दे दिया गया, लेकिन सरकारी खाते में राशि नहीं होने के कारण चेक तीन बार बाउंस कर गया। मामला मुजफ्फरपुर जिले का है। जहां के पोखरैरा निवासी विनय झा के पिता की मौत सड़क हादस में 18 जनवरी 2019 को हो गई थी। पिता की मौत के अगल ही दिन सीओ की ओर से चार लाख रुपए का चेक पीड़ित परिवार को देकर वाहवाही तो बटोर ली गई लेकिन आज 11 महीने बाद भी पीड़ित परिवार उस चेक को भुना नहीं पाए है।
तीन बार बैंक में लगाया, हर बार हुआ बाउंस
पीड़ित विनय ने बताया कि उन्होंने तीन बार इस चेक को बैंक में लगाया। लेकिन तीनों ही बार चेक बाउंस कर गया। उन्हें चेक की राशि तो नहीं मिली, बदले में चेक बाउंस का फाइन उनके खुद के खाते से कट गया। मामले का खुलासा तब हुआ जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फपुर में सरकारी सुविधाओं की समीक्षा करने पहुंचे। बता दें कि नीतीश कुमार इन दिनों पूरे बिहार में जल-जीवन-हरियाली यात्रा पर निकले है। इस यात्रा के तहत के वो हर जिले में जा रहे हैं। इसी यात्रा के क्रम में वो मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे थे जहां इस मामले का खुलासा हुआ। मामले में सीएम ने त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया है।
अकेले नहीं है विनय झा, कई और मामले लंबित
मिली जानकारी के अनुसार सरकारी चेक बाउंस करने के मामले में विनय झा अकेले नहीं है। मुजफ्फरपुर सहित कई जिलों में इस तरह के कई और मामले है। कांटी के सेरना गांव की दिव्या नामक महिला भी पीड़ित है। दिव्या के पुत्र की मौत सड़क हादसे में हो गई थी। पुत्र की मौत तो अबतक उसे सालता है। लेकिन उससे कहीं अधिक तकलीफ उसे इस बात से है कि सरकार की ओर से मिला चार चाख का चेक उसके घर में अब तक पड़ा है। जो हर बार उसके बेटे की मौत की याद ताजा कर देता है।