सार
कोरोना के संक्रमण और लॉकडाउन लगाए जाने से पहले बिहार के नियोजित शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन सहित अन्य मांगों पर हड़ताल पर थे। मुख्य सचिव ने सोमवार को शिक्षकों का वेतन जारी करने का निर्देश देते हुए कहा जो शिक्षक हड़ताल में थे उन्हें केवल जनवरी का वेतन दिया जाएगा।
पटना। कोरोना से बचाव के लिए जारी लॉकडाउन की विपरित परिस्थिति के बीच बिहार सरकार ने राज्य के हड़ताली शिक्षकों के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने राज्य के नियोजित और नियमित शिक्षकों के वेतन के भुगतान का निर्देश दे दिया है। राज्य शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने सोमवार को निर्देश जारी करते हुए कहा कि जो शिक्षक हड़ताल में शामिल थे उन्हें सिर्फ जनवरी माह का वेतन भुगतान किया जाएगा वहीं जिन शिक्षकों ने मूल्यांकन का कार्य किया था उन्हें दो माह का वेतन जारी किया जाएगा।
फरवरी माह का वेतन उन्हें जो हड़ताल पर नहीं थे
बता दें कि कोरोना के संक्रमण से पहले राज्य के नियोजित शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन सहित अन्य मांगों के लिए हड़ताल पर थे। हड़ताली शिक्षकों से सरकार ने कई बार हड़ताल छोड़ इंटर और मैट्रिक के कॉपी मूल्याकंन काम में योगदान देने की अपील की थी। लेकिन ज्यादातर शिक्षक अपनी मांग पर अड़े थे। ऐसे में हड़ताली शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए सोमवार को अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने बताया कि फरवरी का वेतन उन्हीं शिक्षकों को मिलेगा जो हड़ताल में शामिल नहीं थे। साथ ही इंटर और मैट्रिक परीक्षा में वीक्षण व मूल्यांकन कार्य में शामिल हुए हैं।
पटना के डीईओ ने हड़ताल तोड़ने की अपील की
निर्देश के अनुपालन की जिम्मेवारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दी गई है। अनुपालन की जानकारी विभाग के निदेशक (माध्यमिक शिक्षा) एवं निदेशक (प्राथमिक शिक्षा) को 31 मार्च तक ई-मेल आइडी से उपलब्ध करा देनी है। वहीं दूसरी ओर पटना के जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षकों से एक बार फिर हड़ताल तोडने की अपील की है। डीईओ ने कहा है कि शिक्षक अपने काम पर लौट आएं हठधर्मिता किसी समस्या का समाधान नहीं है। जिला शिक्षा अधिकारी के अपील पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक नेताओं ने कहा कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दें तो हड़ताल तोडऩे को तैयार हैं।