सार
समान काम के लिए समान वेतन सहित अन्य मांगों पर बिहार के माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों की हड़ताल आज से शुरू हो गई है। प्राथमिक स्कूलों के नियोजित शिक्षकों की हड़ताल पहले से चल रही है। ऐसे में बिहार की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे हो गई है।
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कर्मियों की हड़ताल से सूबे की व्यवस्था बेपटरी होती नजर आ रही है। समान काम के लिए समान वेतन सहित अन्य मांगों पर प्राथमिक स्कूलों के नियोजित शिक्षक पहले से हड़ताल पर है। अब 25 फरवरी यानि आज से माध्यमिक स्कूल के शिक्षक भी हड़ताल पर जा चुके है। शिक्षकों के हड़ताल से बिहार के सरकारी स्कूलों में ताला लटक गया है। वहीं इस हड़ताल से मैट्रिक परीक्षा की कॉपी चेक करने का काम भी प्रभावित होगा। माध्यिक शिक्षक संघ महासचिव और पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि शिक्षकों की मांगों से संबंध में विभाग को कई बार पत्र लिखकर सूचना दी गई लेकिन कोई सुध नहीं लेने की स्थिति में हड़ताल के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा।
शिक्षा विभाग को 15 बार भेजा गया मांग पत्र
बकौल शत्रुघ्न प्रसाद शिक्षकों ने अपनी मांग से संबंधित पत्र 15 बार शिक्षा विभाग के पास भेजा। लेकिन विभाग के अधिकारियों ने तो उन मांगपत्रों पर कोई रूचि दिखाई और न ही उसे हल करने का आश्वसान दिया। उल्के बीते दिनों कई नियोजित शिक्षकों की सेवा समाप्त करने का फरमान जारी कर दिया गया। जिससे शिक्षकों में रोष है। बता दें कि समान काम के लिए समान वेतन की मांग बिहार के शिक्षक लंबे समय से कर रहे है। लेकिन उनकी मांग पर सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है।
17 फरवरी से नियोजित शिक्षक हैं हड़ताल पर
प्राथमिक स्कूलों के नियोजित शिक्षक 17 फरवरी से तालाबंदी करते हुए हड़ताल पर है। अब आज से माध्यमिक शिक्षकों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गया है। शिक्षक संघ के नेताओं का कहना है कि जब तक उनकी मांग पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं लिया जाता तब तक वे लोग हड़ताल पर रहेंगे। शिक्षकों की हड़ताल से बिहार की शिक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे हो गई है।