सार

पंचायत चुनाव के 10वें चरण में 34 जिलों के 817 पंचायतों में वोट डाले जा रहे हैं। इसके लिए 34 जिलों में 7257 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें 509 नक्सल प्रभावित हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण कराने के लिए करीब 38 हजार पुलिस पदाधिकारियों और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।

पटना : बिहार (bihar) में पंचायत चुनाव (Panchayat Election) आखिरी दौर में है। गांव की सरकार बनाने के लिए 9 चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब दो चरणों के चुनाव होने है। बुधवार को 10वें चरण के लिए मतदान हो रहा है। पंचायत चुनाव के 10वें चरण में 34 जिलों के 817 पंचायतों में वोट डाले जा रहे हैं। इसके लिए 34 जिलों में 7257 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जिनमें 509 नक्सल प्रभावित हैं। चुनाव को शांतिपूर्ण कराने के लिए करीब 38 हजार पुलिस पदाधिकारियों और सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है। इसमें जिला पुलिस बल के साथ होमगार्ड, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और सैप जवान शामिल किए गए हैं। 10वें चरण की मतगणना 10 दिसंबर और 11 दिसंबर को होगी और 11वें चरण का चुनाव 12 दिसंबर को होगा।

प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला
बुधवार को 10वें चरण के चुनाव में कुल 24 हजार 820 पदों को चुनने के लिए मतदाता मतदान कर रहे हैं। जिसमें ग्राम पंचायत के सदस्य के 10 हजार 981 पद, मुखिया के 817 पद, पंचायत समिति सदस्य के 1106 पद, जिला परिषद सदस्य के 118 पद, ग्राम कचहरी पंच के 10 हजार 981 पद और सरपंच के 817 पद शामिल हैं।  10वें चरण में कुल प्रत्याशियों की संख्या 93 हजार 725 है, जिसमें 42 हजार 953 पुरूष प्रत्याशी और 50 हजार 772 महिला प्रत्याशी शामिल हैं। बिहार में पंचायत चुनाव में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित है। 

2953 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन
10वें चरण में 2953 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। इसमें ग्राम पंचायत सदस्य के 100, ग्राम कचहरी पंच के 2852, ग्राम पंचायत मुखिया के एक पद पर निर्विरोध प्रतिनिधि चुने गए हैं। वहीं इस चरण में 116 सीट किसी भी प्रत्याशी के नामांकन नहीं करने की वजह से खाली रह गए हैं, इसमें 114 पद ग्राम कचहरी पंच और 2 पद ग्राम पंचायत सदस्य के हैं।

बायोमेट्रिक सिस्टम पर रहेगी नजर
पंचायत चुनाव में इस बार चुनाव आयोग ने बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था की है। इस व्यवस्था के तहत जो भी व्यक्ति मतदान केंद्र पर मतदान करने जाएगा उसका बायोमेट्रिक सत्यापन किया जाएगा। कोई भी फर्जी वोटर जो पहले के किसी चरण में मतदान कर चुका है और फिर दोबारा वोट डालने पहुंचा है तो बायोमेट्रिक सिस्टम के तहत पकड़ा जाएगा और उसके खिलाफ गैर जमानती धारा में एफआईआर दर्ज कर उसे जेल भी भेज दिया जाएगा। इस मामले के आरोपियों को एक साल की सजा हो सकती है, साथ ही उन्हें जुर्माना भी देना पड़ सकता है।

इन दस्तावेजों को दिखाकर दे सकेंगे वोट 

आधार कार्ड
ड्राइविंग लाइसेंस
पैन कार्ड
बैंकों व डाकघरों द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक
फोटो वाले पेंशन के दस्तावेज
स्वास्थ्य बीमा योजना स्मार्ट कार्ड
मनरेगा के तहत जारी फोटोयुक्त जॉब कार्ड
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत भारत के महापंजीयक द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
राज्य व केंद्र सरकार के कार्यालय व सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों
सांसदों, विधायकों, पार्षदों को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र
फोटो वाले स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र
सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त शारीरिक विकलांगता पहचान पत्र
मान्यता प्राप्त शैक्षणिक संस्था द्वारा जारी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी, विद्यार्थी के फोटोयुक्त पहचान पत्र
पासपोर्ट
फोटो वाले संपत्ति दस्तावेज 
फोटो वाले शस्त्र लाइसेंस

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