सार

बीजेपी विधायक के इस बयान पर जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी आापत्ति जताई है। उन्होंने विधायक के इस बयान को पालगपन भरा बताया है। साथ ही कहा है कि भाजपा के लोगों को चुनाव के समय मस्जिद और मदरसा नहीं दिखता, तब वो सर्वधर्म समभाव की बातें करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही अपने असली एजेंडे पर आ जाते हैं।
 

बांका (Bihar) । मदरसे में हुई बम ब्लास्ट मामले की जांच शुरू हो गई है। इसके लिए एटीएस की भी एक टीम लगाई गई है। वहीं, इस मामले को लेकर विवादित बयानबाजी भी राजनीतिक दलों के कुछ नेताओं ने करनी शुरू कर दी है। बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा है कि ऐसे मदरसों में पढ़कर कोई डॉक्‍टर-इंजीनियर नहीं बनता। ये सरकार से अनुदान लेकर आतंकवादी बनाते हैं। मदरसों में बम बनाने और हिंसा फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। वहीं, बीजेपी इस मांग पर जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने ऐसा बयान देने वाले नेताओं को पागलखाने भेजने की मांग की है। बता दें 8 जून को सदर थाना क्षेत्र के चमरेली नवटोलिया गांव के एक मदरसा में विस्फोट हुआ था। विस्फोट की आवाज से आसपास के गांव के ग्रामीण भी दहशत में आ गए थे। इस घटना में घायल मस्जिद के इमाम की मौत हो गई थी।

आसपास के घरों के पुरूष फरार
इस विस्फोट में करीब चार लोगों के भी जख्मी होने की सूचना है। हालांकि घायलों का कहीं अता-पता नहीं चल रहा है। मौके पर जांच के लिए पहुंची फॉरेंसिक टीम ने पाया कि बम विस्फोट से ही मदरसा उड़ा है। लोगों ने बताया कि बम विस्फोट की घटना के बाद आसपास के सभी पुरुष घर छोड़कर फरार हो गए हैं, जबकि घरों में मौजूद महिलाएं कुछ भी बताने से इनकार कर रही हैं।

विधायक का आरोप- मदरसों में दी जा रही आतंकवाद की शिक्षा
बिस्फी से भाजपा विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा कि बच्चों को मदरसों से निकालकर सामान्य स्कूली शिक्षा दी जानी चाहिए। आरोप लगाया कि बिहार में मदरसा और मस्जिदों के अंदर आतंकवाद की शिक्षा दी जा रही है। मदरसों में बम बनाने और हिंसा फैलाने की ट्रेनिंग दी जाती है। उन्होंने सरकार से बिहार के सभी मदरसों और मस्जिदों को बंद करने की मांग की है।

पागलपन वाला है ये बयान
बीजेपी विधायक के इस बयान पर जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी आापत्ति जताई है। उन्होंने विधायक के इस बयान को पालगपन भरा बताया है। साथ ही कहा है कि भाजपा के लोगों को चुनाव के समय मस्जिद और मदरसा नहीं दिखता, तब वो सर्वधर्म समभाव की बातें करते हैं, लेकिन चुनाव जीतते ही अपने असली एजेंडे पर आ जाते हैं।