सार
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम समेत पूरा प्रशासन गांव पहुंचा। जहरीली शराब पीने से अभी तक 12 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। मामला माकेर थाना क्षेत्र के भाथा नोनिया टोला की है। 9 लोगों की मौत हो चुकी है।
छपरा. कहने को तो बिहार में शराबबंदी है लेकिन छपरा जिले में जहरीली शराब पीने से मरने वालों का आंकड़ां बढ़ता जा रहा है। जहरीली शराब पीने से अब तक 9 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। इन्हें इलाज के लिए असप्ताल में भर्ती किया गया है। बताया जा रहा है कि कई लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है। इस मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है। मामला माकेर थाना क्षेत्र के भाथा नोनिया टोला की है।
12 लोगों की आंखों की रोशनी गई
जहरीली शराब पीने से अभी तक 12 लोगों की आंखों की रोशनी जा चुकी है। जहरीली शराब पीने से मौतों के बढ़ते आंकड़े को कारण प्रशासन में हडकंप मचा हुआ है। अधिकारियों ने मामले की गंभीरता से जांच के आदेश दिए हैं। कई गंभीर है और जिले के अलग-अलग अस्पताल में इलाजरत हैं। इस बार छपरा जिले के मकेर थाना क्षेत्र के फुलवरिया पंचायत के भाथा नोनिया टोला में यह घटना हुई है। गांव के 100 से ज्यादा लोगों ने ने शराब पी। जिसके बाद लोगों की तबीयत बिगड़नी शुरु हो गई। हालत बिगड़ने पर सभी को स्थानीय अस्पताल के बाद छपरा सदर अस्पताल लाया गया। जिले के डिप्टी कमिशनर राजेश मीणा और एसपी संतोष कुमार गांव पहुंचे। इधर, घटना के बाद से शराब तस्करों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस छापेमारी कर रही है। घटना से गांव में मातम पसरा हुआ है।
पूरे गांव का किया गया ब्रेथ एनालाइजर
घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग की एक टीम समेत पूरा प्रशासन गांव पहुंचा। गांव के एक-एक लोगों की ब्रेथ एनालाइजर से जांच की गई। जिसमें भी शराब पीने की पुष्टि हुई उसे अस्पताल ले जाया गया। कईयों को पीएमसीएच भेजा गया गया है। पीएमसीएएच के अधीक्षक डॉ आईएस ठाकुर के अनुसार अब तक 50 से अधिक लोगों को पीएमसीएच भेजा जा चुका है। इधर, अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टरों को अलर्ट किया है। इलाज के लिए पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मची रही। बताया जा रहा है कि गांव में 4 अगस्त की शाम कोई आयोजन हुआ था। गांव के लगभग सभी पुरुषों ने शराब पी थी। शराब पीने के कुछ देर बाद सभी की तबीयत बिगड़ने लगी। आनन-फानन में सभी को अस्पताल पहुंचाया गया।
इनकी आंखों की रोशनी गई
जहरीली शराब पीने से गांव के भरोसा महतो, उपेंद्र महतो, धनी महतो, देवानंद महतो, अखिलेश महतो, प्रेम महतो, भोली महतो, सुपन महतो, लखन महतो समेत अन्य की आंखो की रौशनी चली गई है। जबकि चंदन महतो, कमल महतो, चंदेश्वर महतो, ओमनाथ महतो, सकलदीप महतो, राजनाथ महतो समेत अन्य की मौत हो गई है।
बिहार में शराब बंदी फिर भी धड़ल्ले से हो रहा कारोबार
सीएम नीतिश कुमार की सरकार ने बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया। फिर बिहार में अवैध शराब का कारोबार शुरु हो गया। इसके रोकने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए गए। लेकिन शराब की तस्करी रुक नहीं रही है। ग्रामीण इलाकों में जहरीली शराब बिक्री का कारोबार शराब पीने वालों के लिए मौत का कारण बन रहा है। बिहार में शराब बंदी के बाद से जहरीली शराब पीकर दर्जनों लोगों की मौत हुई है। जबकि सैकड़ों लोगों की आंखो की रौशनी चली गई है। फिर भी इसका कारोबार धड़ल्ले से जारी है। पुलिस जहरीली शराब बनाने वाले शराब तस्करों को पकड़ने में सफल नहीं हो पा रही है।
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