सार

कोविड-19 पर लगाम के लिए जारी लॉकडाउन में रोज कमाने खाने वाले लोगों के सामने दो वक्त की रोटी के लाले पड़ गए है। स्थिति इतनी खराब हो गई है कि कई जगह लोग भूख मिटाने और पेट भरने के लिए चोरी तक कर रहे हैं। एक ऐसा ही मामला बिहार में सामने आया है, लेकिन इस मामले में जज ने जो काम किया वो काबिल-ए-तारीफ है। 
 

नालंदा। कई दिनों से भूखी मां की पेट भरने के लिए नाबालिग बच्चे ने अनाज की चोरी की। लेकिन बच्चे की चोरी पकड़ी गई। पुलिस ने बच्चे को पकड़ कर कोर्ट में जज के सामने पेश किया। जहां जज ने जब बच्चे से चोरी का कारण पूछा तो उस नाबालिग चोर का जवाब सून कोर्ट रूम में बैठे लोगों के साथ जज भी भावुक हो गए। बच्चे ने चोरी का कारण बताते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण मेरी मां कई दिनों से भूखी थी। वो भूख से तड़प रही थी। ऐसे में उनकी भूख मिटाने के लिए मैंने अनाज की चोरी की। इमानदारी पूर्वक बच्चे के दिए इस जबाव से जज भी भावुक हो उठे। लेकिन इसके बाद जज ने जो फैसला लिया उसे सुन कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोग उनकी तारीफ करने लगे। 

मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में पेश हुआ था बच्चा
जज ने उक्त चोर को सजा नहीं देते हुए उसके घर तक राशन पहुंचवाने का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस के जवान उक्त बच्चे के घर पहुंचे और उसे राशन दिया। सुनने में यह मामला फिल्मी लग रहा हो लेकिन हकीकत में यह घटना घटी है बिहार के नालंदा जिले में। नालंदा के किशोर न्याय परिषद के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र के कोर्ट में उक्त चोर को आज पेश किया गया था। जहां उसने चोरी का कारण बताया। जिसके बाद जज ने आदेश दिया कि इस बच्चे को अनाज, कपडे़ के साथ ही सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए। कोर्ट के फैसले के आधार पर पुलिस कर्मी खुद बच्चे को लेकर घर पहुंचे, और उसे तत्काल राशन उपलब्ध करवाया। 

बीडीओ को पत्र लिखकर जज ने दिया आदेश
मिली जानकारी के अनुसार उक्त बच्चे के पिता की मौत कई साल पहले हो चुकी है। उसकी मां विक्षिप्त है। परिवार में बच्चे के अलावा एक छोटा भाई है। लेकिन पिता की मौत और मां के विक्षिप्त होने के कारण उसके घर में आय का कोई साधन नहीं है। मां की स्वास्थ्य खराब है। यहीं बच्चा दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार चला रहा था। लेकिन लॉकडाउन के कारण काम नहीं मिलने से उसके घर का चूल्हा कई दिनों से ठंडा पड़ा था। इस बीच उसकी भूखी मां भोजन के लिए तड़प रही थी। इस कारण उसने चोरी की और पकड़े जाने पर जज के सामने पेश किया गया। जज साहब ने मामले  में इस्लामपुर बीडीओ को लेटर लिखकर आदेश दिया कि इस बच्चे को सरकारी योजनाओं का लाभ तुरंत दिया जाए।