सार

बिहार में कांग्रेस के अभियान का चेहरा राहुल गांधी ही होंगे। राहुल कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए लगातार मुखर हैं। इस बार पार्टी उनका बेहतर इस्तेमाल करने की योजना में है। 

पटना/नई दिल्ली। सितंबर महीने की शुरुआत के साथ ही बिहार में विधानसभा की 243 सीटों के चुनाव के लिए राजनीतिक पारा हाई होने की संभावना है। राज्य में अमित शाह की वर्चुअल रैली के साथ बीजेपी ने बहुत पहले ही अपने अभियान का आगाज कर दिया है। अगले महीने दूसरे दलों की ओर से भी विधिवत कैम्पेन शुरू करने की खबरें हैं। इस बीच यह भी खबर है कि तीसरा मोर्चा बनाने की इच्छा रखने वाले बाहुबली नेता पप्पू यादव राज्य की 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी में हैं। 

बिहार में कांग्रेस के अभियान का चेहरा राहुल गांधी ही होंगे। राहुल कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार की नीतियों को लेकर सोशल मीडिया के जरिए लगातार मुखर हैं। इस बार पार्टी उनका बेहतर इस्तेमाल करने की योजना में है। इसके तहत पार्टी ने शुरू से ही राहुल को लेकर कैम्पेन की रणनीति बनाई है। जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक राहुल गांधी इस बार पहले ही अपना अभियान शुरू करेंगे और आखिर तक उनको इसमें बनाए रखने की योजना है। 

 

हर रोज पांच रैलियां 
कांग्रेस पार्टी का वर्चुअल अभियान 1 सितंबर से शुरू होगा। यह 21 सितंबर चलेगा। इस अभियान को "बिहार क्रान्ति वर्चुअल महासमेलन" का नाम दिया गया है। यानी हर रोज पांच वर्चुअल रैलियां होंगी। पार्टी के केंद्रीय नेता भी लोगों के सामने अपनी बात रखेंगे। हालांकि इसमें राहुल गांधी के हिस्से कितनी वर्चुअल रैलियां होंगी यह क्लियर नहीं हो पाया है। मगर यह पता जरूर चला है कि हर वर्चुअल रैली में दिल्ली से दो नेता शामिल होंगे। उनके साथ बिहार के 5 नेता और जिन जिलों के लिए ये रैलियां होंगी वहां से भी 10 नेता शामिल होंगे। पहली वर्चुअल रैली बेतिया में होगी। इस बात की संभावना भी है कि केंद्रीय नेताओं में राहुल के अलावा सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल हों। 

सोशल मीडिया से शुरू होगा नीतीश का कैम्पेन 
एनडीए के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अगले महीने सोशल मीडिया के जरिए अपना अभियान शुरू करेंगे। यह अभियान उनकी पार्टी जेडीयू केई सोशल प्लेटफॉर्म से शुरू किया जाएगा। पार्टी ने सभी विधायकों और पदाधिकारियों को इसकी तैयारी के निर्देश दे दिए हैं। जेडीयू की योजना है कि 6 सितंबर को शहरी इलाकों में सोशल डिस्टेन्सिंग का ख्याल रखते हुए एलईडी स्क्रीन के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पहले सम्बोधन को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए। 

रैली लाइव होगी और कोशिश है कि मीडिया का ध्यान भी इस पर रहे। कोरोना की वजह से यह पहले से ही साफ है कि बिहार में चुनाव के दौरान तमाम दलों के बड़े नेताओं का अभियान वर्चुअल माध्यम से ही होगा। बिहार में पार्टियों के लिए यह चुनौती भी है। क्योंकि सिर्फ 27 प्रतिशत आबादी तक ही स्मार्टफोन की पहुंच है। पार्टियों को बड़े पैमाने पर डिजिटल रिसोर्स का इस्तेमाल करना होगा।  

(फोटो : जन अधिकार पार्टी चीफ पप्पू यादव)

150 सीटों के लिए तैयार हैं पप्पू यादव 
उधर, राज्य में एनडीए और महागठबंन के अलावा तीसरे दल भी दंगल में कूदने के लिए तैयार हैं। जन अधिकार पार्टी चीफ ने साफ कर दिया है वो राज्य की 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत सीटों पर युवाओं को कैंडिडेट बनाया जाएगा। इसके बाद महिला उम्मीदवारों की संख्या सबसे ज्यादा होगी। उम्मीदवारों की घोषणा सितंबर के आखिर में होगी। पप्पू यादव की ओर से तीसरा मोर्चा बनाने की भी तैयारी है। कुछ छोटे दलों से उनकी बात भी चल रही है। हालांकि अभी तक इस बारे में कुछ भी पुख्ता तौर पर सामने नहीं आया है।