सार

आज रामनवमी है। पूरे देश के हिंदू धर्म के लोग अपने-अपने घरों में सादगीपूर्ण तरीके से रामनवमी मना रहे हैं। कोरोना के बचाव के लिए जारी लॉकडाउन के कारण इस बार रामनवमी में कभी भी शोभायात्रा नहीं निकाली जा रही है। रामनवमी के इस खास मौके पर हम आपको भगवान श्री राम के उस मंदिर के बारे में बता रहे हैं, जहां 37 वर्षों से रामायण का पाठ हो रहा है। 
 

कटिहार। भारतीय इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा जब रामनवमी के मौके पर पूरे देश में कहीं भी शोभायात्रा नहीं निकाली गई। कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए देश भर में लागू 14 दिनों के लॉकडाउन ने इस बार शोभायात्रा को रोक दिया है। लेकिन सीमांचल के इलाके में राम जी एक ऐसा दरबार है जहां पिछले 37 सालों से लगातार रामायण का पाठ है और है 40 वर्ष से मंदिर में अनवरत अखंड दीप की लौ जल रही है। दरअसल, बिहार के कटिहार जिले के बड़ा बाजार में रामजी का एक ऐसा दरबार है, जहां पिछले 37 सालों से रोज विधिपूर्वक रामचरितमानस का पाठ हो रहा है।

40 सालों से अनवरत जल रहा है अखंड दीप
कटिहार के इस मंदिर में पिछले 37 सालों से लगातार 24 घंटे रामायण का पाठ होता आ रहा है। इसके साथ ही मंदिर में चार दशकों से अनवरत अखंड दीप जल रहा है। कटिहार यज्ञशाला समिति से जुड़े किशनलाल अग्रवाल बताते हैं कि 15 दिसंबर 1982 को संत मनी बाबा के निर्देश पर इस मंदिर में रामयाण पाठ की शुरुआत की गई थी। तबसे लेकर आजतक यह सिलसिला बिना रूके जारी है। बता दें कि सामान्य दिनों में इस मंदिर में पूजा करने के लिए लोगों की बड़ी भीड़ जुटती है। 

1100 रुपए देकर लोग करवाते हैं अग्रिम बुकिंग
संस्था के सदस्य भुवन कहते हैं कि मंदिर में रामायण पाठ करने के लिए लोग अग्रिम बुकिंग कराते हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस मंदिर में डेढ़ साल की अग्रिम बुकिंग हो चुकी है। इसके लिए लोगों को 1100 रुपए देने होते हैं। उसके बाद उनकी बारी आने पर श्रद्धालु यहां आकर पाठ करते हैं।

मंदिर के पुजारी का कहना है कि लॉकडाउन जब से शुरू हुआ है तब से यहां आने वाले लोगों की संख्या में कमी आई है, पर पाठ कभी नहीं रुका।