सार

दिल्ली फैक्ट्री में आग की वजह से मारे गए अधिकतर लोग बिहार के रहने वाले थे। ये लोग बेगुसराय, समस्तीपुर, दरभंगा जिले से यहां मजदूरी करने के लिए आए थे। उन्हें क्या पता था कि वो जहां रोज-रोटी कमाने के लिए आए हैं। एक दिन वहीं वह इस तरह दफन हो जाएंगे।

पटना (बिहार). दिल्ली के रानी झांसी रोड पर एक अनाज मंडी में रविवार सुबह करीब 5.30 बजे भीषण आग में झुलसने से 43 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 50 से ज्यादा लोग गंभीर रुप से घायल बताए जा रहे हैं। इस हादसे में मारे गए अधिकतर लोग बिहार के रहने वाले बताए जा रहें।

बिहार के रहने वाले थे अधिकतर मारे गए मजदूर
बताया जा रहा है कि घटना के वक़्त करीब 100 से ज्यादा मजदूर इस फैक्ट्री में सोए हुए थे। इस हादसे में ज्यादातर लोगों की मौत धुंए के कारण दम घुटने से बताई जा रही है। मृतकों में सभी पुरुष बताए जा रहे हैं। मारे गए अधिकतर लोग बिहार के रहने वाले थे। ये लोग बिहार के बेगुसराय, समस्तीपुर, दरभंगा जिले से यहां मजदूरी करने के लिए आए थे। उन्हें क्या पता था कि वो जहां रोज-रोटी कमाने के लिए आए हैं। एक दिन वहीं वह इस तरह दफन हो जाएंगे।

सोते के सोते रहे गए दर्जनों लोग
दिन में काम करने के बाद यह मजदूर इसी फैक्ट्री में सो जाते थे। शनिवार को भी वह काम करने के बाद सुकून की नींद सोए हुए थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि अगली सुबह वह देख नहीं पाएंगे। कई लोगों ने तो सोते में ही दम तोड़ दिया। जो जागे वह भी बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे।

मरने वालों में कई एक ही परिवार थे
मरने वालों में कई लोग एक ही परिवार के बताए जा रहे हैं। किसी के दो भाई गायब हैं तो किसी के दो भतीजे नहीं मिल रहे हैं। जैसे ही लोगों ने टीवी पर इस हादसे की खबर सुनी सभी लोग अपनों को तलाशने के लिए निकल पड़े। कई लोगों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है।

इस वजह से लगी भीषण आग
यह फैक्ट्री रिहाइशी इलाके में अवैध तरीके से चल रही थी। जानकारी के अनुसार इसमें स्कूल बैग और खिलौने बनाए जाते हैं। आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है। जैसे ही आग लगी तो वहां रखे गत्ते की वजह से आग ने भीषण रूप धारण कर लिया। हालांकि जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड टीम ने आग पर काबू पा लिया।

बड़ा भयानक था हादसे का वो मंजर
फायर चीफ आॉफिसर सुनील चौधरी ने बताया, आग बहुत ही ज्यादा भयानक थी। हर तरफ अधेरा ही अधेरा था। जब दमकल टीम मौके पर पहुंचीं तो कमरों के अंदर से बचाओ-बचाओ की चीखें आ रही थीं। जैसे ही कमरे का दरवाजा खोला तो लोग बुरी तरहे बाहर की और भागने लगे। ज्यादातर बेहोशी की हालत में थे, कुछ जख्मी भी थे। उन्होंने बताया कि संकरी गलियों की वजह से दमकल की गाड़ियों को पहुंचने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जिसके कारण मरने वालों की सख्ंया ज्यादा हो गई।