सार
बिहार के नालंदा में सरकारी योजनाओं की हकीकत और समाज का सिर शर्म से झुकाने वाला मामला सामने आया है। यहां रहने वाली एक मां ने गरीबी और बीमारी के चलते अपनी बेटी को बेचने की कोशिश की।
नालंदा. आमतौर पर एक मां के लिए अपना बच्चा सबसे प्यार होता है। कोई भी मां अपने जिगर के टुकड़े को खुद से दूर करना नहीं चाहती। लेकिन यह मामला एकदम उल्टा है। गरीबी और टीवी की बीमारी से जूझ रही एक महिला से बर्दाश्त नहीं हुआ, तो उसने अपनी बेटी को बेचने की ठान ली। हालांकि इससे पहले कि वो कोई गलत कदम उठाती, एक हॉस्पिटल उसकी मदद को आगे आ गया।
टीवी की बीमारी है महिला को..
महिला के दो बच्चे हैं। वे कुपोषित हैं। वहीं महिला को खुद भी टीबी की बीमारी है। महिला का पति उसे छोड़कर जा चुका है। महिला बेहद गरीब है। महिला ने ने कहा कि उसके पास दो वक्त की रोटी के लिए पैसे नहीं है, ऐसे में वो अपना इलाज कैसे करा पाती। बच्चों की देखभाल कैसे करती? आखिरकार उसने अपने दोनों बच्चों को बेचने का फैसला कर लिया। उसने कहा-'मेरी किसी ने कोई मदद नहीं की। मैं कब तक जीऊंगी, नहीं पता। मेरे बाद बच्चों का क्या होता, यही सोचकर परेशान थी।'
एक निजी हॉस्पिटल मदद को आगे आया
महिला बच्चों को लेकर हॉस्पिटल पहुंची थी। जब हॉस्पिटल मैनेजमेंट को उसकी हालत के बारे में पता चला, तो उसकी मदद करने की ठानी। हॉस्पिटल के मैनेजर सुरजीत कुमार ने कहा कि महिला और उसके दोनों बच्चों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। सभी का इलाज किया जा रहा है। उम्मीद है, तीनों जल्द ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा महिला की आर्थिक मदद के लिए भी कुछ लोग आगे आए हैं।