सार
तेजस्वी ने राज्य में बाढ़ की आपदा और कोरोना को लेकर सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाय, "बाढ़ और कोरोना में नीतीश की सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है।"
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए जोड़तोड़ और बयानबाजी का दर शुरू हो चुका है। महागठबंधन नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार के काम पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने दावा किया की राज्य में अगर उनकी सरकार बनी तो सामाजिक न्याय का सपना पूरा करेंगे। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेजस्वी ने नीतीश कुमार झूठा करार देते हुए एनडीए सरकार पर सवाल उठाया और कहा कि बिहार में नीतीश सरकार के दाग हम धोएंगे। इस बीच तेजस्वी की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर विवाद भी शुरू हो गया है।
बाढ़-कोरोना के मोर्चे पर फेल है सरकार
तेजस्वी ने राज्य में बाढ़ की आपदा और कोरोना को लेकर सरकार के कामकाज पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने आरोप लगाय, "बाढ़ और कोरोना में नीतीश की सरकार पूरी तरह फेल साबित हुई है। बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत का कार्य भी नहीं हो रहा है। कोरोना से बचाव के लिए भी सरकार थोड़ पर्यास नहीं कर रही है। मौजूदा केंद्र और राज्य सरकार की तुलना करते हुए कहा कि जब लालू की सरकार थी केंद्र से 1100 करोड़ का राहत पैकेज मिला था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद पटना आए थे। तेजस्वी ने दावा किया कि चुनाव में अगर जनता ने उनका साथ दिया तो वो हर हाल में आर्थिक न्याय लाएंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस पर क्या विवाद
कुछ रिपोर्ट्स में तेजस्वी की प्रेस कॉन्फ्रेंस को नियमों का उल्लंघन बताया गया है। दरअसल, कुछ दिन पहले तेजस्वी यादव दिल्ली गए थे। वहां उन्होंने एम्स में इलाज करा रहे रघुवंश प्रसाद सिंह से भी मुलाकात की थी। दिल्ली प्रवास में तेजस्वी के पीए भी थे। उनकी कोरोना रिपोर्ट हाल ही में पॉज़िटिव आई थी। यह खबर भी आई कि सहयोगी के पॉज़िटिव मिलने के बाद तेजस्वी ने खुद को घर में आइसोलेट कर लिया है। लेकिन वो दो दिन में ही पत्रकारों से बात करने पहुंचे। इस दौरान पार्टी के नेता उनके आस-पास ही नजर आए। सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन नहीं करने का आरोप भी लगाया जा रहा है।
तेजस्वी को गंभीरता से नहीं लेते लोग
जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने आरोपों पर तेजस्वी को राजनीति का बच्चा करार दिया। उन्होंने कहा, "जनता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ हैं। तेजस्वी के बोलने से किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता। उधर, आज भी जेडीयू में नेताओं का आगमन हुआ। आरजेडी के पूर्व राष्ट्रीय सचिव हर्षवर्धन, पूर्व DG सुनील कुमार ने जेडीयू संसदीय दल के नेता ललन सिंह की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।
ललन सिंह ने कहा, "चुनाव से पहले ही आरजेडी में भगदड़ मची है। आरजेडी के तमाम नेता पार्टी छोड़ने के लिए तैयार बैठे हैं। बस कब कौन आएगा इसका इंतजार है।"