सार

मामला बिहार की राजधानी पटना के खगौल की है। कोरोना के कारण पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सी गई है। इस स्थिति कोरोना से अलावा अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों की इलाज में परेशानी आ रही है। 
 

पटना। कोरोना के कारण पूरे देश की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सी गई है। सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर कोरोना और मेजर बीमारियों के मरीज का ही इलाज कर रहे हैं। निजी क्लीनिक ज्यादातर बंद है।  ऐसे में उम्रजनित बीमारियों व अन्य बीमारियों के ग्रसित लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है। दूसरी ओर लॉकडाउन में सवारी गाड़ी नहीं चलने कि वजह से वैसे गरीब परिवारों को काफी परेशानी हो रही है जिनके घर में कोई बीमार है। डॉक्टर के पास जाने के लिए उन्हें कोई सवारी भी नहीं मिल रही है। 

फुलवारी के राजेश पिता को ले घूमते रहे शहर 
ऐसा ही एक नजारा सोमवार को दानापुर स्टेशन के पास दिखा। फुलवारी के रहने वाले राजेश अपने बीमार पिता को ठेला पर लेकर डाक्टर का क्लिनिक तलाश रहे थे। राजेश दानापुर स्टेशन के पास बदहवास घूम रहे थे। राजेश ने बताया कि मै फुलवारी नहर रोड पास का रहने वाला हूं। मेरे पिताजी की तबीयत कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है।

अधिक उम्र होने के कारण वह चल फिर भी नहीं पा रहे हैं। मैं भटक रहा हूं कि शायद किसी डॉक्टर की क्लीनिक खुली हो और डॉक्टर मेरे पिताजी का इलाज कर दे। 

आम मरीजों की परेशानी भी बढ़ी
उसने बताया कि मैं फिलहाल खगौल की तरफ जा रहा हूं। शायद वहां कोई डॉक्टर का क्लीनिक मिल जाए। इस गंभीर स्थिति में राजेश अपने पूरे परिवार को एक ठेले पर लादकर डाक्टर के एक क्लीनिक से दूसरे क्लिनिक पर भटकते रहे। लेकिन लॉकडाउन के कारण उन्हें कही कोई डॉक्टर नहीं मिला। गौरतलब है कि इस समय कोरोना वायरस का प्रकोप चल रहा है।

किसी भी बीमार व्यक्ति को लोग कोरोना वायरस संक्रमित की नजर से देख रहे हैं जिसके कारण आम मरीजों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।