सार
राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बड़ी बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) ने शुक्रवार को राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल किया। राजद ने उनके साथ पूर्व विधायक फैयाज अहमद को भी टिकट दिया है।
पटना। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की बड़ी बेटी मीसा भारती तीसरी बार राज्यसभा जाने की तैयारी में हैं। उन्होंने राज्यसभा के लिए अपना नामांकन दाखिल करा दिया है। राजद की ओर से मीसा भारती के साथ पूर्व विधायक फैयाज अहमद को भी राज्यसभा का टिकट मिला है।
लालू यादव शुक्रवार को बेटी मीसा भारती के साथ बिहार विधानसभा परिसर पहुंचे तो अफरा-तफरी मच गई। हजारों की संख्या में राजद समर्थक अपने नेता की एक झलक पाने के लिए उमड़ पड़े। लालू प्रसाद ने फेस मास्क लगाया हुआ था। उन्होंने अपने समर्थकों से बात नहीं की। मौके पर बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी मौजूद थे, लेकिन लालू ने उनसे भी कुछ नहीं कहा। उनके कदम लड़खड़ा रहे थे। उनके साथ दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव मौजूद थे। दोनों बेटों ने संभालने के लिए पिता का हाथ पकड़ा हुआ था।
राज्यसभा में हैं राजद के पांच सांसद
मीसा भारती तीसरी बार राज्यसभा की सदस्य बनने वाली हैं। मीसा भारती अभी राज्यसभा की निवर्तमान सदस्य हैं, जुलाई में उनका कार्यकाल समाप्त होगा। वर्तमान में राज्यसभा में राजद के पांच सांसद (प्रेमचंद गुप्ता, अमरेंद्र धारी सिंह, मनोज झा, अहमद अशफाक करीमी और मीसा भारती) हैं।
मीसा भारती के नाम के पीछे है रोचक कहानी
मीसा भारती ने एमबीबीएस की पढ़ाई की है। मीसा के जन्म के समय लालू जेल में बंद थे। उन्हें मेंटेंनेंस ऑफ इंटर्नल सेक्यूरिटी एक्ट (MISA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। इसी के चलते लालू यादव ने अपनी सबसे बड़ी बेटी का नाम मीसा रखा था।
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पूर्व विधायक फैयाज अहमद ने व्यक्त किया लालू का आभार
राज्यसभा का टिकट मिलने पर पूर्व विधायक फैयाज अहमद ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों के सामने लालू यादव का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में काम किया। पार्टी के सबसे बड़े नेता ने मुझपर विश्वास जताया यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है। गौरतलब है कि 2020 में मधुबनी जिले की अपनी बिस्फी सीट से फैयाज विधानसभा का चुनाव हार गए थे। इससे पहले उन्होंने लगातार दो बार जीत दर्ज की थी। राज्यसभा की सीट के लिए मोहम्मद शहाबुद्दीन की विधवा हिना शहाब का भी नाम चल रहा था, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया।
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