सार

कहने को तो बिहार में शराबबंदी है। लेकिन इसके बाद भी बिहार के हर शहर में शराब की होम डिलवरी की जाती है। शराब के छोटे तस्करों को बड़े कारोबारी पनाह देते हैं। आज ऐसे ही एक बड़े कारोबारी के यहां से शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई है। 

मुजफ्फरपुर। शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब की होम डिलवरी जारी है। शराब के छिटपुट तस्करों को बड़े कारोबारी पनाह देते हैं। ये बड़े कारोबारी शराब के साथ-साथ कई अलग धंधा भी करते हैं। इनका राजनीतिक वजूद भी होता है। जिसकी सरपस्ती में ये कानून को ताक पर रख कर मुनाफे के लिए शराब की तस्करी को बढ़ावा दे रहे हैं।  राजनीतिक वजूद वाले ऐसे ही एक शराब तस्कर की पहचान मुजफ्फरपुर में हुई है। मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर के घर से शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई है। मामले में मेयर पति पर पुलिस ने अपना शिकंजा कसा है। हालांकि पूर्व मेयर के पति और मौजूदा पार्षद संजीव चौहान का कहना है कि उनके घर से बरामद हुई शराब उनकी नहीं है। 

47 कार्टून शराब की हुई बरामदगी
मुजफ्फरपुर नगर निगम के वार्ड नंबर 22 के पार्षद संजीव चौहान के यहां शराब की बड़ी खेप होने की सूचना पुलिस को मिली थी। जिसके बाद हुई छापेमारी में साहु रोड स्थित उनके आवास के पीछे से 47 कार्टून शराब बरामद हुई। शराब जहां से बरामद हुई वो जमीन पूर्व मेयर के पति संजीव चौहान की है। नगर डीएसपी राम नरेश पासवान का कहना है कि संजीव चौहान अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकते। शराब बरामदगी के मामले में पुलिस ने संजीव चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। अब संजीव चौहान की गिरफ्तारी की कोशिश जारी है। 

होटल भी चलाता है संजीव चौहान
वार्ड पार्षद संजीव चौहान राजनीति के साथ-साथ कई अन्य व्यवसाय में है। मिली जानकारी के अनुसार उनका होटल भी चलता है। जहां कुछ दिनों पहले पड़े छापा में कई प्रेमी जोड़ों को आपत्तिजनक स्थिति में पकड़ा गया था। पूर्व मेयर के पति का मुजफ्फरपुर के पूर्व विधायक से भी निकट संबंध है। जानकारों का कहना है कि अपने इसी राजनीतिक रसूख का इस्तेमाल कर संजीव कई तरह के गैर-कानूनी काम करता है। फिलहाल शराब बरामदगी के बाद पुलिस उसे पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।