सार

 बिहार के मधुबनी जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे-227 का आलम यह है कि यहां पैदल चलना भी किसी खतरे से खाली नहीं है। हाइवे पर 100 फीट के गड्‌ढे बन गए हैं। जिसमें बड़े से बड़ा ट्रक भी छोटा पड़ जाता है। सड़क की बदहाली की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।


मधुबनी (बिहार). अक्सर देखा जाता है कि सड़क बनने के कुछ दिन बाद ही छोटे-मोटे गड्‌ढे तो बन ही जाते हैं। लेकिन बिहार के मधुबनी जिले से गुजरने वाले नेशनल हाइवे का गड्‌ढे इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में है। इसी हाइवे पर एक 100 फीट का गड्डा बन गया है, जिसमें बड़े से बड़ा ट्रक भी छोटा पड़ जाता है। इसकी तस्वीरें और वीडियो शेयर कर लोग सरकार और सड़क बनाने वाले ठेकेदार पर मजेदार कमेट्स कर रहे हैं। वहीं आलम यह है कि कुछ लोग जब यह गड्डा देखते हैं तो वाहन को इसमें डालने से पहले कई बार सोचते हैं, तो कई दूसरे रास्ते से निकल जाते हैं।

 2015 के बाद से ऐसी है सड़क की हालत...कई हादसे भी हो चुके
दरअसल, यह हालात नेशनल हाईवे 227 की है, जो मधुबनी जिले के कलुआही-बासोपट्टी-हरलाखी से गुजरने वाला मुख्य मार्ग है। सड़क की बदहाल हालत में है। यह सड़क पूरी तरह से जर्जर हालत में है। इससे आने-जाने वालों को काफी परेशानी होती है, इस रास्ते पर कई तो दर्दनाक हादसे हो चुके। लेकिन शासन-प्रशासन और ठेकेदार को कोई असर नहीं हुआ। 2015 के बाद से यह सड़क पूरी तरह से खराब है।  जर्जर हालत में है। इसे बनाने के लिए अब तक तीन बार टेंडर जारा हो चुके हैं। लेकिन सभी ठेकेदारों ने सड़क बनाने की खानापूर्ति करके  भाग गए।

कई मंत्री-विधायक और अफसर यहां से गुजरते...लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता
स्थानीय लोगों में यहां के जनप्रतिनिधि और प्रशासन के प्रति काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि इस हाइवे से कई मंत्री-विधायक निकल चुके, कई जिलों के कलेक्टर यहां से गुजरते हैं। लेकिन किसी को सड़क की बदहाली नहीं दिखाई दी। जिसके कारण से 7 साल होने के बाद भई सड़क की हालत सुधरने की बजाए बिड़ती जा रही है। नेशनल हाइवे पर चलते हैं तो ऐसा लगता है कि हम किसी जंगल या नदी में चल रहे हो। क्योंकि हर 20 फीट पर एक गड्डा है। आलम यह है कि आधे घंटे का सफर पूर करने में दो घंटा का समय लग जाता है।

जानिए मंत्री और सड़क बनाने वाले ठेकेदार क्या बोले....
वहीं स्थानीय BJP विधायक अरुण शंकर प्रसाद ने बताया कि उन्होंने इस हाइवे की हालत को लेकर सदन के जरिए तीन बार अलग-अलग सत्रों में सवाल उठाया, लेकिन NH विभाग अफसरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। वहीं जब मीडिया ने इस सड़क को बनाने वाले ठेकेदार रवींद्र कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि मेटेरियल का रेट बढ़ गया है। कई दिनों से विभाग ने पेमेंट नहीं किया है, ना तो सामान आ पा रहा है और ना ही मजदूरों को पैसा दिया गया है। जिसके कारण यह सड़क अधूरी छूटी हुई है। इसके अलावा पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि मामला संज्ञान में लिया गया है, विभाग के अधिकारी को जांच का आदेश दिया गया है।