सार
बीते मंगलवार को पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से सीए किशन अग्रवाल को अगवा किया गया था। उन्हें अगवा करने के बाद परिजनों से 5 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी। शनिवार को परिजनों ने अपहरणकर्ताओं को 50 लाख रुपए भी दे दिए थे। पुलिस ने इस केस का खुलासा कर लिया है।
मुजफ्फरपुर। बिहार में अपहरण उद्योग फिर से सर उठाता दिख रहा है। बीते दिनों पटना के एक कारोबारी का अपहरण कर लिया गया था। जिसे मुंगेर में पुलिस ने बरामद करने में कामयाबी पाई थी। अब पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से अगवा किए गए सीए किशन अग्रवाल को पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के चुंगल से छुराया। बता दें कि किशन की फिरौती के रूप में परिजनों से पांच करोड़ रुपए मांगे गए थे। परिजनों को अपहरणकर्ता को 50 लाख रुपए की राशि दे भी दी थी। मुजफ्फरपुर पुलिस ने इस किडनैंपिंग गिरोह के सरगना समेत तीन अपहरणकर्ता और अगवा हुए किशन अग्रवाल को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है। पुलिस ने बदमाशों के पास से 47 लाख 74 हजार रुपए भी बरामद किए है।
सिल्लीगुड़ी का रंजीत मास्टरमाइंड गिरफ्तार
बता दें कि बीते मंगलवार को अपराधियों ने किशन अग्रवाल को तब अगवा किया था जब वो बाजार जा रहे थे। इसके बाद किशन को लेकर अपहरणकर्ता लगातार अपना लोकेशन बदलते रहे। मुजफ्फरपुर पुलिस ने गिरोह के सरगना सिल्लीगुड़ी निवासी रंजीत गिमिरे और उसके तीन साथियों को गिरफ्तार किया है। इस केस में गिरफ्तार अन्य तीन की पहचान गोपालगंज के फैज अहमद और तिनसुकिया आसाम के रोबिन उरंग और अनवर हुसैन के रूप में हुई है। किशन अग्रवाल की सकुशल बरामदगी के बाद उनका परिवार खुश है।
मोतीपुर में पुलिस के हत्थे चढ़ें अपराधी
बताया गया कि अगवा करने के बाद किशन की पत्नी से बदमाशों ने 5 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। शनिवार को परिजनों ने बदमाशों को 50 लाख रुपए दे भी दिए थे। बताया जाता है कि इस केस के खुलासे में सिक्किम की वह गाड़ी अहम क्लू बनी जिससे बदमाश किशन को लेकर भागे थे। सिल्लीगुड़ी पुलिस ने इस गाड़ी को बिहार के गोपालगंज में लोकेट किया था। जिसके बाद से दोनों राज्यों की पुलिस इस गाड़ी पर नजर बनाए थी। जब अपराधी इसी गाड़ी से गोपालगंज से मुजफ्फरपुर आ रहे थे तभी मोतीपुर में पुलिस ने तेजी से जा रही इस गाड़ी को पीछा कर पकड़ा था। गाड़ी से बीमार हालत में किशन अग्रवाल समेत चारों बदमाश और 47 लाख 74 हजार रुपए बरामद हुए।