सार

निर्भया के दोषी अक्षय ठाकुर के परिजन भी क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की तैयारी कर रहे हैं। अक्षय के भाई ने कहा कि हम दिल्ली के वकील से बात कर पिटीशन दायर करेंगे। अक्षय के परिजनों ने उसे बेकसूर बताया है। 
 

औरंगाबाद। निर्भया गैंगरेप केस में डेंथ वारंट जारी होने के बाद दो आरोपियों की ओर से क्यूरेटिव पिटीशन दायर किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दायर किए गए पिटीशन में विनय नामक दोषी ने कहा कि कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि घटना के समय वह केवल 19 साल का था। युवावस्था और सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि को देखते हुए मामले की गंभीरता कम को कम किया जाना चाहिए। मुकेश सिंह ने भी क्यूरेटिव पिटीशन दायर की है। अब इस केस के एक अन्य दोषी का परिवार क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की तैयारी में है। बिहार के औरंगाबाद जिले के रहने वाले अक्षय ठाकुर का परिवार दिल्ली के वकील से बात कर पिटीशन दायर करने वाले हैं।

घटना के समय बिहार में था अक्षयः भाई
अक्षय के भाई विनय ने बताया कि हम आखिरी दम तक लड़ेगे। विनय ने बताया कि हमें अब भी न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। अपने भाई को बेकसूर ठहराते हुए विनय ने कहा कि जिस वक्त ये घटना घटी उस समय अक्षय गांव में था। लेकिन फिर भी दिल्ली पुलिस उसे गिरफ्तार कर ले गई। बीते सात सालों से अक्षय जेल में बंद है। वहीं अक्षय की पत्नी ने कहा कि मेरे पति निर्दोष हैं। पैसा नहीं रहने के कारण हमारे परिवार को यह दिन देखना पड़ रहा है। हमें न्यायालय से उम्मीद है कि क्यूरेटिव पिटीशन के बाद हमें न्याय मिलेगा। हमें ईश्वर पर भी पूरा भरोसा है। 

स्टे नहीं लगा तो 22 को दी जाएगी फांसी
अक्षय ठाकुर के परिवार के अन्य लोग भी उसे निर्दोष बताते हुए कह रहे हैं कि अक्षय ऐसा काम नहीं कर सकता। परिजनों ने बताया कि अक्षय के खिलाफ औरंगाबाद जिले के किसी भी थाने में कोई मामला दर्ज नहीं है। परिजनों का कहना है कि ईश्वर सब देख रहे हैं। बता दें कि मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 जनवरी का डेंथ वारंट जारी किया है। यदि सुप्रीम कोर्ट फैसले पर कोई स्टे नहीं लगाता है तो निर्भया के चारों गुनाहगारों को 22 जनवरी की सुबह सात बजे फांसी के फंदे पर लटका दिया जाएगा।