सार

पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के साथ-साथ कई तरह की अफवाहे भी फैल रही है। कोरोना के डर से सबसे ज्यादा नुकसान पॉल्ट्री फॉर्म वालों को उठाना पड़ रहा है। ऐसी चर्चा है कि मुर्गा खाने से कोरोना फैलता है। इस कारण मुर्गे की बिक्री में गिरावट देखी जा रही है। 

अरवल। दुनिया भर में कोरोना के खौफ ने अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है, वहीं भारत में भी इसका असर दिखने लगा है। कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर मांस के व्यापार पर पड़ा है। बिहार इस खतरा का सबसे ज्यादा असर पोल्ट्री के कारोबार पर पड़ा है। 100-110 रुपए किलो बिकने वाला मुर्गा 20-30 रुपए किलो बिक रहा है। इसी बीच एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें पॉल्ट्री फॉर्म का मालिक लोगों को फ्री में मुर्गा बांटता दिख रहा हैं। 

5000 मुर्गे लोगों में बांटे
ये वीडियो बिहार के अरवल का है। जहां पोल्ट्री मालिक ने कोरोना वायरस के डर से 5000 से अधिक मुर्गों को लोगों के बीच फ्री में बांट दिया। मुर्गा बांटने की खबर सुनकर लोगों की इतनी भीड़ जुट गई कि पोल्ट्री व्यवसायी को घर की छत पर चढ़ कर एक-एक मुर्गे को नीचे फेंकना पड़ा। बताया जाता है कि कोरोना वायरस के डर से लोगों ने नन वेज से परहेज कर लिया है। वायरस फैलने के डर से लोग इस कदर खौफजदा है कि उन्होंने चिकेन, मटन और मछली खाना छोड़ दिया है। इसका सीधा असर मांस के व्यवसाय से जुड़े लोगों पर पड़ा है। व्यवसायियों का कहना है कि चिकेन का प्रोडक्शन होने के बाद भी सेल नहीं हो रहा है। इस स्थित में उन्हें मुर्गे को बांटना पड़ रहा है। 

बिक्री नहीं होने से मुर्गा पालना पड़ रहा मंहगा
पोल्ट्री उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि कोरोना वायरस के चलते पैदा हुई भ्रम की स्थिति से व्यापार घाटे में चला गया है। ऐसे में पोल्ट्री फार्म में मुर्गा पालना पर जो खर्च आ रहा है उसे मैंटेन करना संभव नहीं रह गया है। इस वहज से उन्होंने लोगों के बीच मुर्गा बांटना शुरू कर दिया है। व्यवसायियों ने बताया कि मुर्गे के दाना-पानी पर जो खर्च आ रहा है वह बहुत अधिक है, इससे बेहतर है कि मुर्गे को दोस्तों में बांट दें ताकि वे भी इसका आनंद ले सकें।