सार

दूसरे फेज में कुल 1,463 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें 146 महिला और एक ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। 94 विधानसभा सीटों पर 980 ट्रांसजेंडर मतदाताओं के साथ कुल 2,85,50,285 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे।

पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में दूसरे फेज के लिए 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान 3 नवंबर सुबह 7 बजे से शुरू होगा। 8 क्षेत्रों में शाम 4 बजे तक मतदान होगा। कोरोना महामारी के बीच चुनाव आयोग ने मतदान के लिए हर लिहाज से अंतिम तैयारियां पूरी कर ली हैं। मेडिकल सपोर्ट, पीपीई किट, हैंड ग्लब्ज, सैनिटाइजिंग की व्यवस्था के साथ सोशल डिस्टेन्शिंग को सख्ती से फॉलो किया जा रहा है। हेलिकॉप्टर से निगरानी, संवेदनशील बूथों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। दूसरे फेज में जिन जिलों में मतदान होंगे उसमें पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, नालंदा और पटना शामिल है। 2015 के चुनाव में आरजेडी-जेडीयू-कांग्रेस के महागठबंधन ने 94 में से 70 सीटें जीत ली थीं। 

94 विधानसभा सीटों के लिए सभी दलों ने भी बहुत मेहनत की है। एलजेपी, वीआईपी, आरएलएसपी, एमआईएम और जनअधिकार पार्टी के लिए तो दूसरा फेज सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। 94 सीटों पर ही जगह-जगह छोटी पार्टियों का राजनीतिक आधार है। दूसरे फेज में कुल 1,463 प्रत्याशी मैदान में हैं। इसमें 146 महिला और एक ट्रांसजेंडर भी शामिल हैं। 94 विधानसभा सीटों पर 980 ट्रांसजेंडर मतदाताओं के साथ कुल 2,85,50,285 मतदाता प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसके लिए चुनाव आयोग ने 18,823 पोलिंग स्टेशन पर 41,362 बूथ बनाए हैं। सबसे ज्यादा 27 उम्मीदवार महाराजगंज विधानसभा सीट पर लड़ रहे हैं। जबकि अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित दरौली विधानसभा सीट पर मात्र 4 उम्मीदवार मैदान में हैं। 

#1. सबसे ज्यादा आरजेडी, फिर एलजेपी के उम्मीदवार 
दूसरे फेज में एनडीए-महागठबंधन समेत पांच छोटे-बड़े गठबंधन यानी करीब दो दर्जन से ज्यादा पार्टियों के उम्मीदवार हैं। इस फेज में सबसे ज्यादा सीटों की बात करें तो आरजेडी के 56, एलजेपी के 54, बीजेपी के 46, जेडीयू के 43, आरएलएसपी के 36, बसपा के 33 और कांग्रेस के 24 प्रत्याशी मैदान में हैं। तीनों वामदलों सीपीआई एमएल, सीपीआई और सीपीएम के 14, वीआईपी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के 5 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। एलजेपी ऐसी अहम पार्टी है जो किसी भी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। जबकि एनडीए में जेडीयू, बीजेपी, वीआईपी और हिन्दुस्तानी अवामी मोर्चा शामिल है। सीएम फेस नीतीश कुमार हैं। महागठबंधन में आरजेडी, कांग्रेस, सीपीआई एमएल, सीपीआई और सीपीएम शामिल है जबकि सीएम फेस तेजस्वी यादव हैं। आरएलएसपी ने भी बसपा और दूसरी पार्टियों के साथ गठबंधन बनाया है। सीएम फेस उपेंद्र कुशवाहा हैं।    

#2. आरजेडी ने 2015 में जीती थीं सबसे ज्यादा सीटें, इस बार गणित अलग 
दूसरे फेज की 94 सीटों पर 2015 में प्रदर्शन की बात करें तो 42 सीटों पर चुनाव लड़कर सबसे ज्यादा 33 सीटें आरजेडी ने जीती थीं। जबकि 41 पर लड़कर 30 जेडीयू ने, 63 पर लड़कर 20 बीजेपी ने, 11 पर लड़कर 7 कांग्रेस ने, 21 पर लड़कर दो एलजेपी ने और एक सीट सीपीआई एमएल और एक सीट निर्दलीय ने जीती थी। हालांकि 2015 में जेडीयू-आरजेडी-कांग्रेस ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। एलजेपी एनडीए में थी। इस बार गठबंधनों के बदले स्वरूप में सभी पार्टियों के लिए दूसरे फेज की 94 सीटें इसलिए भी अहम हो जाती हैं क्योंकि पिछली बार इसमें से 18 सीटों पर 5 हजार से भी कम मतों से हार-जीत का फैसला हुआ था। इनमें शिवहर, बरौली और चनपटिया ऐसी सीटें थीं जहां एक हजार से भी कम मतों से हारजीत का फैसला हुआ था। गठबंधन के बदले स्वरूप में ये सीटें निर्णायक हो सकती हैं।  

#3. कांग्रेस का ये प्रत्याशी करोड़पति, बाहुबली भी टॉप 3 में   
दूसरे फेज के कुल 1,463 उम्मीदवारों में से 495 करोड़पति हैं। चुनाव आयोग के मुताबिक इसमें से आरजेडी के 46,  बीजेपी के 39, एलजेपी के 38, जनअधिकार पार्टी के 25, आरएलएसपी के 24, कांग्रेस के 20, वीआईपी के 4 और 144 निर्दलीय प्रत्याशी करोड़पति हैं। कांग्रेस के संजीव सिंह सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। संजीव वैशाली से लड़ रहे हैं उनकी कुल संपत्ति 56 करोड़ रुपये है। 49 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी के साथ आरजेडी के देव कुमार चौरसिया इस मामले में दूसरे नंबर पर जबकि करीब 49  करोड़ की प्रॉपर्टी के साथ निर्दलीय विजयकुमार शुक्ल तीसरे सबसे अमीर प्रत्याशी हैं। राघोपुर से चुनाव लड़ रहे तेजस्वी यादव ने 5.88 करोड़ और हसनपुर से तेजप्रताप यादव ने 2.8 करोड़ की संपत्ति का खुलासा किया है। 

#4. महिला उत्पीड़न का केस 49 पर, 4 के खिलाफ रेप के मामले 
दूसरे फेज के 1,463 उम्मीदवारों में से 502 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इनमें 49 के खिलाफ महिलाओं के उत्पीड़न,  चार तो ऐसे हैं जिनपर बलात्कार के भी मामले दर्ज हैं। दूसे फेज में 84 सीटें ऐसी हैं जिनपर तीन या उससे भी ज्यादा आपराधिक पृष्ठभूमि के प्रत्याशी मैदान में हैं। 32 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या, 143 के खिलाफ हत्या के प्रयास जैसे मामले हैं। पार्टियों के आधार पर देखें तो आरजेडी के 36 उम्मीदवार, बीजेपी के 29, जेडीयू के 20, एलजेपी के 28, कांग्रेस के 14, बसपा के 16 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। दूसरे फेज में पहले चरण से ज्यादा दागी उम्मीदवार हैं।  

#5. राघोपुर दूसरे फेज की हाईप्रोफाइल सीट में टॉप 
दूसरे फेज में सबसे बड़ी सीट राघोपुर है। यहां से लालू यादव के बेटे और महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव चुनावी मैदान में हैं। तेजस्वी दूसरी बार यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इस चरण में नीतीश कैबिनेट के कई मंत्रियों और दिग्गजों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। इनमें पटना साहिब से नन्द किशोर यादव, नालंद से श्रवण कुमार, मधुबन से राणा रणधीर सिंह, हथुआ से रामसेवक सिंह अहम हैं। इस फेज के अन्य हाईप्रोफाइल उम्मीदवारों की बात करें लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप हसनपुर विधानसभा सीट से पहली बार लड़ रहे हैं। जबकि लालू के समधी और जेडीयू उम्मीदवार चंद्रिका राय, शिवहर से लवली आनंद, बांकीपुर से शत्रुघ्न सिंह के बेटे लव सिन्हा और जेडीयू की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा भी हाई प्रोफाइल उम्मीदवार हैं। 

#6. उलझाऊ जाति का गणित, इनके पास होगी सत्ता की चाभी  
दूसरे फेज में मुस्लिम और अतिपिछड़ा मत निर्णायक हैं। इसी मत के सहारे 2015 में महागठबंधन ने 70 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि इस बार जेडीयू के अलग हो जाने से महागठबंधन को अतिपिछड़ा मतों में बिखराव का सामना करना पड़ रहा है। ओवैसी की एआईएमआईएम और और मुस्लिम लीग के आ जाने से कई सीटों पर मुस्लिम मत भी बंट रहे हैं। बीजेपी के यादव प्रत्याशी और जनअधिकार पार्टी भी यादव मतों में सेंध लगाने की कोशिश में हैं। ऐसा हुआ तो इस फेज में सबसे ज्यादा नुकसान आरजेडी के मुस्लिम-यादव वोट बैंक पर पड़ेगा। एनडीए खासकर जेडीयू को सबसे ज्यादा नुकसान एलजेपी और आरएलएसपी की वजह से पहुंच रहा है। बीजेपी ने आरजेडी के मुस्लिम-यादव मतों के लिहाज से दूसरे फेज में हिन्दुत्व खासकर सवर्ण जातियों को फोकस करने की कोशिश की है। दूसरे फेज में सवर्ण, मुस्लिम और यादव मतदाता ही निर्णायक साबित हो सकते हैं। 

#7. मुद्दे जिनपर मांगे गए वोट, नीतीश को जेल भेजना भी शामिल  
दूसरे फेज में विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी, पलायन, स्वास्थ्य को मुद्दा बनाया। जबकि एनडीए की ओर से जेडीयू ने हर खेत तक सिंचाई, गांवों में सोलर लाइट, स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड पर 4 लाख का लोन माफ करने, हाशिये के समाज को संसाधनों में ज्यादा हिस्सेदारी देने और पिछले 15 साल में किए गए सभी कामों की निगरानी और मेंटनेंस के साथ बेहतर कानून व्यवस्था देने का वादा किया है। एनडीए की ओर से बीजेपी ने मोदी सरकार की ओर से गरीबों के लिए किए गए काम, तीन तलाक, जम्मू कश्मीर में 370, राममंदिर का निर्माण, बाहुबलियों के दमन, चीन के साथ तनातनी जैसे कोर हिन्दुत्व के मुद्दों पर किए गए काम के आधार पर वोट मांगे हैं। एलजेपी ने बिहार फ़र्स्ट बिहारी फ़र्स्ट विजन पर वोट मांगा है और सरकार बनने पर नीतीश सरकार के भ्रष्टाचार की जांच और उन्हें जेल भेजना का मुद्दा उठाया है। 

#8. तेजस्वी यादव ने की हैं सबसे ज्यादा रैलियां, नीतीश दूसरे नंबर पर 
दूसरे फेज के कैम्पेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 एनडीए के लिए चार रैलियां की हैं। महागठबंधन के सीएम फेस तेजस्वी यादव ने सबसे ज्यादा कई दर्जन रैलियां की हैं। तेजस्वी दूसरे फेज में हर रोज एक दर्जन से ज्यादा सभाएं करते रहें। तेजस्वी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 6 दर्जन से ज्यादा सभाएं कीं। बीजेपी की ओर से पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, स्मृति ईरानी, गिरिराज सिंह और अनुराग ठाकुर जैसे दिग्गजों ने भी लगातार रैलियां कीं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दूसरे फेज में एनडीए के लिए कई रैलियां कीं। 

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