सार

आग लगते ही होलिका प्रचंड हो गई और तीनों बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। इधर, आग की चपेट में आए बच्चे बचाव की गुहार लगा रहे थे और दूसरी ओर गांव वाले होली है का शोर मचा रहे थे। इसी बीच कुछ गांव वालों की नजर होलिका में तड़प रहे बच्चों पर पड़ी। किसी तरह गांव वालों ने जैसे-तैसे जान पर खेल कर तीनों बच्चों को आग से बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी। तीनों बच्चों ने दम तोड़ दिया था।

गया (Bihar) । होलिका जलाते समय झुलसे तीन बच्चों की उपचार के दौरान मौत हो गई। जिनका अंतिम संस्कार सोमवार को नदी के किनारे किया गया। बता दें कि बोधगया प्रखंड की मोराटाल पंचायत के राहुल नगर गांव में होलिका जलाने गए तीन बच्चे होलिका की चपेट में आने से जलकर मर गए थे। घटना के बाद रविवार रात से ही पूरी पंचायत में सन्नाटा पसरा है।

यह है पूरा मामला
कलेश्वर मांझी का बेटा रोहित, बाबू लाल का बेटा नंदलाल मांझी और पिंटू मांझी का बेटा उपेंद्र मांझी अपने-अपने घर से थाली में पकवान रखकर परंपरा के अनुसार होलिका में आहुति देने के लिए पहुंचे थे। बताते हैं कि तीनों बच्चे जब होलिका में आहुति दे रहे थे, उस समय तक होलिका नहीं जलाई गई थी और लोग होलिका जलाने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच होलिका में दो तरफ से आग लगा दी गई। 

देर से पड़ी नजर, निकालने से पहले चली गई थी जान
आग लगते ही होलिका प्रचंड हो गई और तीनों बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया। इधर, आग की चपेट में आए बच्चे बचाव की गुहार लगा रहे थे और दूसरी ओर गांव वाले होली है का शोर मचा रहे थे। इसी बीच कुछ गांव वालों की नजर होलिका में तड़प रहे बच्चों पर पड़ी। किसी तरह गांव वालों ने जैसे-तैसे जान पर खेल कर तीनों बच्चों को आग से बाहर निकाला, लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी। तीनों बच्चों ने दम तोड़ दिया था।