सार

कोरोना काल में बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था किस कदर लचर हो गई है, इसकी एक जीती जागती मिसाल भागलपुर जिले में देखने को मिली जहां प्रसव पीड़ा में तड़पती एक महिला को डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचना पड़ा। लेकिन वहां भी उसे इलाज नहीं मिल सका।

भागलपुर। बिहार के स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अस्पताल प्रबंधन की मनमानी के कारण एक नवजात बच्चे की मौत हो गई। जबकि प्रसूता की हालत खराब है। मानवता को शर्मसार करने वाली ये घटना बिहार के भागलपुर जिले की है। जहां लेबर पेन में एक महिला को डेढ़ किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। बइंतजामी की हद तो ये कि अस्पताल में महिला का इलाज नहीं हो सका, उल्टे अस्पताल प्रबंधन ने उसे भगा दिया। जिसके बाद बीच सड़क पर भी महिला ने बच्चे को जन्म दिया। लेकिन सड़क पर गिरने के कारण नवजात की मौत हो गई। 

सदर अस्पताल से मायागंज किया गया रेफर
मिली जानकारी के अनुसार दियारा निवासी कुंती देवी को देररात ढाई बजे प्रसव पीड़ा हुई, जिसके बाद वह डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर महादेव सिंह कॉलेज के पास पहुंची, यहां ई-रिक्शे के माध्यम से वह सुबह साढ़े चार बजे तक सदर अस्पताल पहुंची। अस्पताल में तैनात नर्सों ने उसे भरोसा दिलाया कि कुछ ही देर में उसकी डिलीवरी करा दी जाएगी। लेकिन कुछ देर बाद उसे मायागंज भेज दिया गया। जबकि जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल इन दिनों केवल कोरोना के मरीजों के इलाज के लिए चिह्नित किया गया है।  

 

बच्चे की मौत के बाद प्रसूता का हुआ इलाज
सदर अस्पताल से मायागंज रेफर किए जाने के बाद जब महिला को वहां तक जाने के लिए कोई साधन नहीं मिला तो वह पैदल ही मायागंज के लिए निकल पड़ी और साढ़े छह बजे वहां पहुंच गई। लेकिन रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास ही उसकी डिलीवरी हो गई। जमीन पर गिरने के कारण नवजात की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद कुंती देवी के परिजनों ने किसी तरह स्ट्रेचर का इंतजाम किया और उसे लेकर लेबर रूम पहुंचे, जहां उसका इलाज नर्सों ने किया।