सार

जानेमाने बंगाली फिल्ममेकर और कवि बुद्धदेव दासगुप्ता (Buddhadeb Dasgupta) का गुरुवार को कोलकाता स्थित उनके घर पर निधन हो गया। बुद्धदेव 77 साल के थे और उनके निधन की खबर परिवार के सदस्यों ने दी है। बुद्धदेव लंबे समय से किडनी की समस्या से परेशान थे और हफ्ते में दो बार उनका नियमित रूप से डायलिसिस होता था।

मुंबई/कोलकाता। जानेमाने बंगाली फिल्ममेकर और कवि बुद्धदेव दासगुप्ता (Buddhadeb Dasgupta) का गुरुवार को कोलकाता स्थित उनके घर पर निधन हो गया। बुद्धदेव 77 साल के थे और उनके निधन की खबर परिवार के सदस्यों ने दी है। बुद्धदेव लंबे समय से किडनी की समस्या से परेशान थे और हफ्ते में दो बार उनका नियमित रूप से डायलिसिस होता था। नेशनल अवॉर्ड से नवाजे जा चुके दासगुप्ता के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्य मंत्री ममता बनर्जी समेत कई सेलेब्रिटीज ने दुख जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है। 

 

पीएम मोदी ने लिखा- श्री बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से दुखी हूं। उन्होंने अपने कामों से समाज के हर तबके के बीच अपना तालमेल बिठाया था। वे एक जानेमाने विचारक और कवि भी थे। दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।
 

वहीं, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा- प्रख्यात फिल्ममेकर बुद्धदेव दासगुप्ता के निधन से बेहद दुखी हूं। उन्होंने अपनी रचनाओं के जरिए सिनेमा की भाषा में गीतात्मकता का संचार किया। उनका निधन फिल्म जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके परिवार, साथियों और प्रशंसकों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। 

बंगाल में समांतर सिनेमा लाने का श्रेय : 
80 और 90 के दशक में गौतम घोष और अपर्णा सेन के साथ बुद्धदेव दासगुप्ता बंगाल में समांतर सिनेमा लेकर आए थे। दासगुप्ता की पांच फिल्मों को बेस्ट फीचर फिल्म के लिए नेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा दो फिल्मों के लिए उन्हें बेस्ट डायरेक्टर के लिए नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। बुद्धदेव 'उत्तरा', 'बाग बहादुर', 'तहदार कथा' और 'चराचर' जैसी कई फिल्मों के डायरेक्शन के लिए भी मशहूर थे।